दुर्गापुर इस्पात नगरी की जर्जर सड़कें बनी मौत का जाल, बुजुर्ग और बच्चे परेशान

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दुर्गापुर (दिलीप सिंह): इस्पात नगरी दुर्गापुर की चमक अब टूटी-फूटी सड़कों में कहीं गुम हो गई है। नगर निगम के 9 नंबर वार्ड के सेकेंडरी इलाके की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि रविवार सुबह बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं मजबूर होकर सड़कों पर उतर आए। हाथों में बैनर और नारों के साथ उन्होंने DSP प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

स्थानीय निवासी मिनती घोष ने बताया कि सेकेंडरी हर्षवर्धन रोड, रामकृष्ण, डीवीसी मोड़ समेत कई इलाकों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। बारिश के दौरान गड्ढे पानी से भर जाते हैं और हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

पूर्व पार्षद पल्लव रंजन नाग ने कहा कि DSP नगर प्रशासन की लापरवाही की वजह से सालों से यह समस्या बनी हुई है। “सड़क बन भी जाती है तो 3-4 महीनों में फिर टूट जाती है। इसी वजह से लोगों का गुस्सा अब सड़क पर फूट पड़ा है। हमने हस्ताक्षर अभियान चलाया है और जल्द ही यह मांग पत्र नगर निगम को सौंपेंगे,” उन्होंने कहा।

जिला भाजपा उपाध्यक्ष चंद्रशेखर बनर्जी ने DSP के साथ-साथ दुर्गापुर नगर निगम और ADDA (आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण) को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जनता से टैक्स लेने वाले अधिकारी आखिर जवाबदेही से क्यों बच रहे हैं?

इस बीच राज्य मंत्री प्रदीप मजूमदार ने भी DSP प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “हमने अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए हैं। बारिश थमते ही सड़क मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।”

लेकिन सवाल यह है कि कब तक दुर्गापुर इस्पात नगरी के लोग टूटी-फूटी सड़कों पर हादसों का शिकार होते रहेंगे? क्या स्टील नगरी की सड़कें स्टील जैसी मजबूत बन पाएंगी, या फिर हर बरसात में यह जख्म फिर हरे होंगे?

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