दुर्गापुर।
सोमवार दोपहर 12 बजे दुर्गापुर नगर निगम परिसर के बाहर अचानक माहौल गर्म हो गया। ‘बांग्ला पक्ष’ संगठन के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
दरअसल, हाल ही में नगर निगम की नई प्रशासक मंडली की सूची जारी की गई है, जिसमें धर्मेन्द्र यादव को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसी को लेकर बंगाली संगठनों में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि निगम प्रशासन ने जानबूझकर स्थानीय बंगाली प्रतिनिधियों को नज़रअंदाज़ कर बाहरी व्यक्ति को उपाध्यक्ष बना दिया है। उन्होंने सवाल उठाया — “जब नगर निगम दुर्गापुर की जनता के लिए है, तो प्रतिनिधित्व भी स्थानीय लोगों का क्यों नहीं?”
‘बांग्ला पक्ष’ के संयोजक तुषार रॉय ने कहा, “यह बंगाल का अपमान है। राखी तिवारी, दीपंकर लाहा और अमिताभ बंद्योपाध्याय जैसे कर्मठ स्थानीय लोगों को हटाकर एक बाहरी को जिम्मेदारी देना लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है।”
प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम के मुख्य द्वार पर ‘धर्मेन्द्र यादव हटाओ, बंगाल का सम्मान बचाओ’ के जोरदार नारे लगाए। मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे को लेकर आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने फैसला वापस नहीं लिया, तो दुर्गापुर बंद का आह्वान किया जाएगा।
स्थानीय राजनीतिक हलकों में इ












