कोलकाता/दुर्गापुर : बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में राज्यपाल ने मामले में अपने निष्कर्षों और पीड़िता व उसके माता-पिता के साथ अपनी बातचीत का विस्तृत विवरण दिया है। रिपोर्ट की एक प्रति गृह मंत्रालय को भी भेजी गई है।
घटना सामने आने के बाद राज्यपाल दुर्गापुर भी गए थे और ओडिशा की रहने वाली पीडि़ता और उसके माता-पिता से बात की थी। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी ओडिशा से ताल्लुक रखती हैं। इस बीच पुलिस ने मेडिकल छात्रा से आरोपितों की पहचान कराने के लिए टीआई (टेस्ट आइडेंटिफिकेशन) परेड कराने की योजना बनाई है ताकि पीड़िता पहचान कर यह पुष्टि कर सके कि गिरफ्तार किए गए लोग वास्तव में अपराध में शामिल थे। पुलिस टीआई परेड के लिए अदालत की अनुमति लेगी। वहीं मामले में गिरफ्तार 5 आरोपितों का डीएनए टेस्ट भी कराया गया है, सिर्फ छात्रा के सहपाठी वासिफ अली का डीएनए टेस्ट होना बाकी है। मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें पीड़िता का पुरुष मित्र वासिफ भी शामिल है। पुलिस ने पीडि़ता के दोस्त की मेडिको-लीगल जांच कराने की भी योजना बनाई है।
इसके अलावा जांचकर्ता अपराध से जुड़े आरोपितों के चाल-ढाल के विश्लेषण पर भी विचार कर रहे हैं। चाल पैटर्न किसी व्यक्ति के चलने या दौड़ने के अनोखे अंदाज का विश्लेषण है, जिसे पैरों के निशान या वीडियो निगरानी के जरिए रिकार्ड किया जाता है।
यह अपराध स्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज, संदिग्ध के पैरों के निशान, वहां की अन्य गतिविधियों व सुबूतों का मिलान कर आरोपित की पहचान करने में मदद कर सकता है। गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपितों से पुलिस ने पूछताछ भी जारी रखी है। पीड़िता के बयानों से आरोपितों के बयान का मिलान भी किया जा रहा है।
मेडिकल छात्रा ने अपने बयान में कहा है कि उसके सहपाठी वासिफ अली ने कालेज परिसर से बाहर निकलने के बाद रास्ते में उससे छेड़छाड़ की थी। इसी क्रम में तीन अन्य आरोपित भी वहां पहुंचे और जंगल में ले जाने के बाद एक आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस क्रम में वासिफ अली उसे अकेला छोड़कर मौके से भाग गया था।
पीड़िता के पिता की CM ममता से गुहार, बेटी को न्याय दिलाएं…
पीड़िता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और बेटी के साथ नहीं होना चाहिए। पिता ने कहा कि वे आरोपी को सबसे कड़ी सजा दिलवाना चाहते हैं ताकि दोबारा कोई ऐसी हिम्मत न करे। उन्होंने कहा, मैं अपनी बेटी को बंगाल बड़ी उम्मीदों के साथ लाया था, ताकि वह डॉक्टर बन सके और अपने सपने पूरे कर सके। लेकिन जो कुछ हुआ, वह किसी भी पिता के लिए असहनीय है। अब मैं फैसला कर चुका हूं कि मैं बंगाल छोड़ दूंगा। मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और बेटी के साथ न हो। जब उनसे सीबीआई जांच के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि उन्हें बस इतना चाहिए कि न्याय जल्दी और सख्ती से मिले। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “ममता दी, अगर मैंने कुछ गलत कहा हो तो मुझे माफ कर दीजिए। मैं आपका बेटा हूं। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि देश की किसी और बेटी को ऐसी यातना न झेलनी पड़े। मेरी बेटी के लिए जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।