POK वापस चाहिए, और भारतीय सेना में बंगाली रेजीमेंट की उठी मांग
📍 स्थान: दुर्गापुर, सिटी सेंटर
📅 तारीख: 5 मई 2025, सोमवार
कश्मीर के पहलगांव में हुए भीषण आतंकी हमले के खिलाफ आज दुर्गापुर में बंगाल पक्ष की ओर से एक मौन कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। बिना नारे, बिना भाषण—हाथों में जलती মোমबत्तियाँ, आँखों में आक्रोश, और दिलों में देशभक्ति।
इस शांतिपूर्ण जुलूस से केंद्र सरकार को दो मुख्य माँगों के साथ कड़ा संदेश দেওয়া হলো:
🇮🇳 दो प्रमुख माँगें:
1️⃣ पाकिस्तान को “नाटक” नहीं, उचित सज़ा दी जाए — POK वापस चाहिए!
2️⃣ भारतीय सेना में बंगाली रेजीमेंट की तुरंत स्थापना हो!
🕯️ मार्च का रूट और माहौल:
- प्रारंभ बिंदु: चतुरंग मैदान, सिटी सेंटर
- मार्ग: कोर्टमोड़ → जंक्शन मॉल → सुहट्टा बिल्डिंग → ADDA ऑफिस
- अंतिम स्थल: एडीडीए कार्यालय
- आम लोग, छात्र, महिलाएं और बुजुर्ग—सभी ने एकजुट होकर अपने आक्रोश को मौन रोशनी में बदला।
🗣️ बंगाल पक्ष के कार्यकर्ताओं की बात:
“अगर सरकार में हिम्मत है, तो पाकिस्तान से POK वापस लाकर दिखाए।”
“बंगाली सिर्फ बलिदान देने के लिए नहीं, लड़ने के लिए भी तैयार हैं—सेना में जगह चाहिए।”
📸 अविस्मरणीय दृश्य:
- तिरंगे के साथ छोटे बच्चे भी मार्च में शामिल
- “POK वापस चाहिए” और “बंगाली रेजीमेंट चाहिए” जैसे प्लेकार्ड
- हर हाथ में माचिस नहीं, मोमबत्ती थी—पर असर बम से कम नहीं था!
💬 प्रतिभागियों की आवाज़:
एक बुजुर्ग ने कहा —
“आज हमने न कुछ कहा, न चीखा… लेकिन पूरा दुर्गापुर सुन रहा है हमारा दर्द।”