बुरी शक्ति को नष्ट करने के लिए दुर्गापुर में रावण दहन।

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महादशमी के दिन दशानन रावण का वध रामचन्द्र ने किया था। इसलिए आज के दिन को दशहरा के नाम से जाना जाता है। तभी से बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए दशहरे के दिन रावण दहन कि प्रथा चली आ रही है l आज दुर्गपुर सहित देश के अन्य हिस्सों में भी पटाखे और बम फोड़कर रावण दहन किया जाता है। दुर्गापुर के राजीव गांधी मेमोरियल मैदान में दक्षिण बंगाल के सबसे बड़े रावण दहन कार्यक्रम को देखने के लिए राज्य के साथ-साथ झारखंड, बिहार से भी लोग जुटते हैं। यह आयोजन अखिल भारतीय संस्कृति परिषद द्वारा आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम इसबार 56वें ​​वर्ष में प्रवेश कर गया है l रावण दहन से पहले होती है रामलीला इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के स्वामित्व वाली दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री और आईएससीओ के प्रभारी निदेशक विजेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इस मौक़े पर कई लाख रुपये की आतिशबाजी और बम फोड़े गये l सीआईएसएफ और दुर्गापुर थाने की पुलिस निगरानी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया l

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