दुर्गापुर (पश्चिम बर्दवान):
धान के हरे-भरे खेतों पर मंगलवार दोपहर आसमान से उड़ते ड्रोन ने जब मिनटों में दवा का छिड़काव किया, तो गाँव के किसान दंग रह गए। यह दृश्य किसी विज्ञान-फंतासी फिल्म का नहीं बल्कि हकीकत था। कृषि विभाग ने आत्मा परियोजना के तहत किसानों को आधुनिक एग्री-ड्रोन के उपयोग का लाइव प्रदर्शन किया।
करीब 7 लाख रुपये कीमत वाले ड्रोन को किसानों को सब्सिडी पर दिया जा रहा है। सब्सिडी किसान की आर्थिक स्थिति के अनुसार 40% से लेकर 80% तक होगी। इस ड्रोन की क्षमता 10 लीटर है और यह कुछ ही मिनटों में बड़े खेतों पर समान रूप से स्प्रे कर सकता है।
किसान जॉयतू रुइदास ने भावुक होकर कहा,
“मैंने ऐसा स्प्रे पहले कभी नहीं देखा। काम इतनी तेजी से हो रहा है और हमें मेहनत भी कम करनी पड़ रही है। यह तो खेती में क्रांति है।”
कांकसा कृषि विभाग के ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर सरफराज़ हुसैन ने बताया कि किसानों को ड्रोन से स्प्रे करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे कीटनाशकों की बर्बादी कम होगी, लागत घटेगी, उत्पादन बढ़ेगा और सबसे बड़ी बात – किसानों को दवाओं के सीधे संपर्क में नहीं आना पड़ेगा।
भविष्य में यह तकनीक सिर्फ धान ही नहीं, बल्कि गेहूं, मक्का, दलहन, सब्जियों और बागवानी फसलों पर भी लागू होगी। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खेती न केवल आसान होगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई गति आएगी।
कृषि विभाग का दावा है कि ड्रोन खेती को जलवायु परिवर्तन, श्रम संकट और बढ़ती कीटनाशक लागत जैसी चुनौतियों से लड़ने का हथियार बना देगा। विभाग की योजना है कि आने वाले समय में किसान अपने मोबाइल से लोकेशन सेट कर खेत तक ड्रोन भेज पाएंगे।
ग्रामीणों के बीच प्रदर्शनी को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। गाँव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने कहा कि यह पहल खेती-किसानी को एक नए युग में ले जाएगी।












