दुर्गापुर: प्रकृति से जुड़ने, हरियाली को अपनाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से शनिवार, 19 जुलाई 2025 को सुबह 10 बजे दुर्गापुर के नगरवन ‘श्रावण्य’ में पश्चिम बर्धमान जिला स्तरीय वन महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन हुआ। समारोह की शुरुआत हुई पीतल के लोटे से वृक्ष की जड़ों में जल अर्पण कर, जिससे प्रकृति और मानव के बीच के रिश्ते को भावपूर्ण सम्मान दिया गया।
🔰 मुख्य आयोजक:
- दुर्गापुर वन विभाग,
- पश्चिम बर्धमान जिला प्रशासन,
- दुर्गापुर नगर निगम (DMC)।
🎤 मुख्य अतिथि रहे:
- श्री प्रदीप मजूमदार, माननीय मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सहकारिता विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार एवं विधायक, दुर्गापुर पूर्व।
- श्री नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती, विधायक, पांडवेश्वर।
- श्री कवी दत्ता, चेयरमैन, आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA)।
- श्रीमती अनिंदिता मुखर्जी, चेयरपर्सन, दुर्गापुर नगर निगम (DMC)।
- श्री सुभाष मंडल, चेयरमैन, एसबीएसटीसी।
👥 अन्य विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे:
- दक्षिण-पूर्व वृत्त के मुख्य वन संरक्षक
- पश्चिम बर्धमान के जिलाधिकारी
- DMC और SBSTC के कमिश्नर और एमडी
- बिर्भूम और वर्किंग प्लान साउथ II के DFO
- दुर्गापुर उपसंभाग के SDO एवं सभी BDO
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और DMC सचिव
- और अन्य सम्माननीय गणमान्य व्यक्ति।
🌱 कार्यक्रम के विशेष आकर्षण:
- पर्यावरण जागरूकता कार्यशाला
- हरित रैली (Green Procession)
- प्रतिष्ठित व्यक्तियों के प्रेरणादायक भाषण
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य-गान
- विद्यार्थियों के लिए क्विज प्रतियोगिता
- पुरस्कार वितरण समारोह
- रंग-बिरंगे पौधों का रोपण
- बीज बॉल (Seed Ball) वितरण
- नगरवन की जैव विविधता जानने हेतु QR कोड लॉन्च
🏆 पुरस्कार विजेता:
- सर्वश्रेष्ठ हरितकरण पुरस्कार – उखरा वन क्षेत्र
- वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार – आसनसोल वन क्षेत्र
- सर्वश्रेष्ठ संयुक्त वन प्रबंधन समिति – माधायगंज JFMC
- वन बंधु (NGO) – Wings (Durgapur), Forest Foundation और अस्तित्व
📚 छात्र प्रतियोगिताएं:
चित्रकला, निबंध लेखन और क्विज में छात्रों की भागीदारी रही सराहनीय। विजेताओं को ट्रॉफी, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट किए गए।
🗣 मुख्यमंत्री का संदेश:
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी का संदेश पढ़कर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने कहा:
“एक वृक्ष सौ संतानों के बराबर है। पेड़ लगाएं, भविष्य बचाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी अगर आगे आएं, तो हम आने वाली पीढ़ियों को एक हरित और टिकाऊ भविष्य दे सकते हैं।”