बराकर, धनबाद: रिपोर्ट : संजीब कुमार यादव – कोयला श्रमिकों की मांगों को लेकर धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ और भारतीय मजदूर संघ ने मंगलवार को दहीबाड़ी, दामागोड़िया और क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर विराट प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों श्रमिकों और यूनियन नेताओं ने आवाज बुलंद की और कोल कंपनियों के मनमाने रवैये के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
✊ क्या हैं 8 सूत्री मांगें?
- 50% उत्पादन कंपनियां स्वयं करें, ठेका/आउटसोर्सिंग कम हो।
- आउटसोर्सिंग कर्मियों को HPC वेतन, स्वास्थ्य और आवास की सुविधा।
- सभी कर्मियों को मुफ्त चिकित्सा और किराया मुक्त आवास।
- सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की स्थापना प्रत्येक कोल कंपनी में।
- CMPF प्रणाली 100% ऑनलाइन की जाए, पेंशनर्स की समस्याएं हल हों।
- काम के दौरान दुर्घटनाएं रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए कंपनियों को जवाबदेह बनाया जाए।
- यूनियन सत्यापन प्रणाली में पारदर्शिता, प्रबंधन का पक्षपात रोका जाए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
👥 प्रमुख नेताओं की भागीदारी:
इस प्रदर्शन में लालमोहन दास, महेश कुमार तांती, राजेन्द्र महतो, दिनेश गोप, संदीप श्रीवास्तव, नागेंद्र कुशवाहा, श्याम बिहारी महतो, कमलेश सिंह, प्रेम पासवान, सुदीप स्वर्णकार, और नरेश चौहान सहित अनेक यूनियन नेता शामिल रहे।
💬 क्या बोले आंदोलनकारी?
यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि कोल कंपनियों का रवैया पूरी तरह मजदूर विरोधी हो गया है। ठेका कर्मचारियों को शोषण और न्यूनतम वेतन से कम भुगतान किया जा रहा है, जबकि स्थायी कर्मियों की पेंशन और स्वास्थ्य सेवाएं भी लगातार प्रभावित हो रही हैं।
“अब हम चुप नहीं बैठेंगे, ये सिर्फ प्रदर्शन की शुरुआत है, अगर मांगे नहीं मानी गईं तो पूरे झारखंड में चक्का जाम होगा।”
— लालमोहन दास, यूनियन नेता