👉 अल-फलाह यूनिवर्सिटी को झटका, AIU ने रद्द की सदस्यता
👉 दावा- तुर्किये से हुई थी दिल्ली ब्लास्ट की प्लानिंग: सेशन एप से आतंकियों को मिल रहे थे निर्देश
नई दिल्ली : लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में गुरुवार को बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी के दिन दिल्ली समेत कई जगह धमाके करना चाहते थे।
इसके लिए उन्होंने 32 कारों का इंतजाम किया था। इनमें बम और विस्फोटक सामग्री भरकर धमाके किए जाने थे। इनमें ब्रेजा, स्विफ्ट डिजायर, इकोस्पोर्ट और आई20 जैसी गाड़ियां शामिल थीं। जांच एजेंसियों को अब तक चार कारें बरामद हो चुकी हैं।
10 नवंबर जिस आई20 कार में धमाका हुआ था, वह इसी सीरियल रिवेंज अटैक का हिस्सा थी। ब्लास्ट से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल हैं, जिनमें से तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।
वहीं, केंद्र सरकार ने दिल्ली कार ब्लास्ट को आतंकी हमला माना है। बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में टेरर अटैक पर प्रस्ताव पारित किया गया।
इधर, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी है। इसके पीछे का कारण यूनिवर्सिटी की स्थिति अच्छी नहीं होना बताया गया है।
ब्लास्ट से जुड़ी दूसरी गाड़ी की जांच जारी
पुलिस ने आशंका जताई थी कि दिल्ली धमाके में शामिल आतंकियों के पास एक नहीं, बल्कि दो कारें थीं। बुधवार को इसकी तलाश के लिए दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्यों यूपी और हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया था। इसके बाद हरियाणा के खंदावली गांव में लावारिस गाड़ी की खबर सामने आई।
इस गाड़ी की जांच के लिए NSG बॉम्ब स्क्वाड की टीम पहुंची है। गाड़ी अभी तक पूरी तरह से खोली नहीं गई है। सोर्स के अनुसार गाड़ी जहां मिली, वह उमर के ड्राइवर की बहन का घर था।
दिल्ली ब्लास्ट में 3 अहम खुलासे…
🔹पहला: जनवरी में लाल किले की रेकी की थी- दिल्ली को दहलाने की साजिश जनवरी से रची जा रही थी। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल डंप डेटा से पता चला कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुजम्मिल गनी और धमाके में कथित रूप से मारे गए डॉ. उमर नबी ने जनवरी में कई बार लाल किले की रेकी की थी। दोनों ने वहां की सुरक्षा-और भीड़ का पैटर्न समझा था। पुलिस को शक है कि आतंकियों की प्लानिंग 26 जनवरी पर लाल किले पर हमले की थी, जो तब नाकाम हो गई।

🔹दूसरा: दिल्ली में 6 दिसंबर को हमले का प्लान था – नबी दिल्ली में 6 दिसंबर को हमला करना चाहता था, लेकिन मुजम्मिल की गिरफ्तारी से प्लान बिगड़ गया। यह बात 8 आरोपियों से पूछताछ में सामने आई हैं। इस अंतरराज्यीय मॉड्यूल का केंद्र फरीदाबाद में था। गिरफ्तार आतंकियों में 6 डॉक्टर हैं। श्रीनगर का रहने वाला एक अन्य संदिग्ध डॉ. निसार फरार है। वह डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर का अध्यक्ष भी है। अलफलाह में पढ़ा रहा था। जम्मू-कश्मीर सरकार ने डॉ. निसार को बर्खास्त कर दिया है।
🔹तीसरा: खाद की बोरी बता विस्फोटक जुटा रहा था गनी- फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर रहा कश्मीरी डॉ. मुजम्मिल गनी खाद की बोरियां बताकर किराए के कमरे में विस्फोटक सामग्री जमा कर रहा था। 20 दिन पहले मुजम्मिल कमरे में कुछ बोरियां रखने आया था, तब पड़ोसियों ने उससे पूछा था कि इसमें क्या है? जवाब में मुजम्मिल ने कहा था कि ये खाद के कट्टे हैं। इन्हें कश्मीर ले जाना है। इस कमरे से 100 मीटर दूर एक मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने फुटेज जब्त कर लिए हैं।
जांच में ED की एंट्री, टेरर फंडिंग की जांच करेगी
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में NIA, NSG, IB और दिल्ली पुलिस के बाद 5वीं जांच एजेंसी ED की एंट्री हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच करेगा कि डॉक्टरों ने विस्फोटक खरीदने के लिए 23 लाख रुपए कहां से जुटाए थे। ED अल-फलाह यूनिवर्सिटी के लेन-देन की जांच भी करेगी। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपए जुटाए, जो उमर को दिए थे। इन लोगों ने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से IED तैयार करने के लिए 3 लाख रुपए का 20 क्विंटल से ज्यादा NPK फर्टिलाइजर खरीदा था। उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों का विवाद भी था।
हापुड़ से असिस्टेंट प्रोफेसर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने जीएस मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फारूक अहमदार को देर रात गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, डॉ. फारूक पहले हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट रह चुके हैं। वे जम्मू-कश्मीर के बीरवाह जिले के बडगांव, वीरिपुरा के रहने वाले हैं।
डॉ. फारूक पिछले एक साल से हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद कॉलेज परिसर में स्थानीय पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यह कॉलेज पिलखुआ इलाके में स्थित है।
अल फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. शाहीन की कार मिली
दिल्ली ब्लास्ट मामले में पुलिस ने गुरुवार को फरीदाबाद से इस मॉड्यूल से जुड़ी तीसरी ब्रेजा कार को बरामद किया। यह बरामदगी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर से हुई। यह कार लेडी आतंकी डॉ. शाहीन के नाम पर बताई जा रही है। ब्रेजा कार डॉ. शाहीन खुद चलाती थी।

दिल्ली पुलिस ओखला में बने अल फलाह यूनिवर्सिटी के हेडक्वार्टर में पहुंची थी। इधर, यूनिवर्सिटी ने NAAC से शोकॉज नोटिस मिलने के बाद वेबसाइट को बंद कर दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के सिलसिले में वांटेड कश्मीर के डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल का रुख किया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस
देश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना और उन्हें ग्रेड देने वाली संस्था नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन कमीशने ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को झूठे मान्यता दावे के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दिल्ली धमाकों से अल-फलाह यूनिवर्सिटी का कनेक्शन जुड़ा है। दावा है कि अरब देशों से फंडिंग होती थी। यहां के चांसलर पर फ्रॉड का आरोप है। ब्लास्ट में शामिल दो डॉक्टर भी यहीं जॉब करते थे।












