दामोदर नदी की छाती गाद से भर गई है, पानी की धार थम चुकी है और बाढ़ की तबाही हर साल बढ़ती जा रही है — ऐसे में अब राज्य सरकार के तीन मंत्रियों ने केंद्र सरकार और डीवीसी (Damodar Valley Corporation) पर सीधा हमला बोल दिया है।
शुक्रवार को आसनसोल के कulti विधानसभा क्षेत्र के डीवीसी मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने राज्य के कानून, न्याय व श्रम मंत्री मलय घटक, सिंचाई मंत्री मानस भुइंया और पंचायत, ग्रामोन्नयन व सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार ने धरना दिया।
💬 “कागजों में राजनीति जारी रही, तो दामोदर सबको निगल जाएगा!” — मलय घटक
मंत्री मलय घटक ने कहा,
“पहले बैराज से गाद हटाकर मरम्मत करें, फिर आंदोलन की बात करें। जिस दिन से दामोदर पर डैम बना है, उस दिन से आज तक एक बार भी ड्रेजिंग नहीं हुई। गाद जमने से नदी की जलधारण क्षमता एक-तिहाई रह गई है। अब ज़रा सा पानी भी छोड़ा जाता है तो नीचे के इलाकों में बाढ़ आ जाती है — खेत डूबते हैं, मवेशी मरते हैं, घर बह जाते हैं।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य जब मुआवजे की मांग करता है तो केंद्र सिर्फ ‘रिपोर्ट’ देखता है, राहत नहीं देता।
“वे कहते हैं तीन दिन तक पानी रहे तब मुआवजा मिलेगा — लेकिन तब तक तो लोग मर जाते हैं,” मंत्री ने तंज कसा।
⚡ मानस भुइंया का प्रहार: “केंद्र ने संघीय ढांचे को खोखला कर दिया है”
सिंचाई मंत्री मानस भुइंया ने कहा,
“दामोदर पर सात डैम बनने थे, लेकिन बने केवल पांच। तेनुघाट आज भी झारखंड के नियंत्रण में है। केंद्र सरकार सिर्फ आंकड़े देखती है, जमीन पर कुछ नहीं करती। अगर अब ड्रेजिंग नहीं हुई, तो दामोदर मौत का जाल बन जाएगा।”
🗣️ प्रदीप मजूमदार बोले: “ममता बनर्जी के नेतृत्व में अब आंदोलन और तेज़ होगा”
पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा कि
“केंद्र की उपेक्षा और भेदभाव के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्यव्यापी आंदोलन जारी रहेगा। यह लड़ाई जनता की सुरक्षा और किसान की ज़मीन बचाने की है।”
🪧 दूसरी तरफ भाजपा का पलटवार
इधर, उसी दिन दुर्गापुर बैराज के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने तृणमूल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को सही ढंग से लागू नहीं कर रही, और अब अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र पर फोड़ रही है।
🌧️ दामोदर पर बढ़ता संकट: “हर साल बढ़ती बाढ़, घटती उम्मीदें”
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दामोदर नदी की गाद की सफाई नहीं हुई, तो आने वाले वर्षों में मैथन और पंचेत डैम के नीचे का पूरा इलाका स्थायी बाढ़ क्षेत्र (Permanent Flood Zone) में बदल सकता है।












