सालानपुर (पश्चिम बर्दवान) —
डाबर कोलियरी क्षेत्र की सड़कें मानो विकास के नाम पर एक तमाचा बन चुकी हैं। लोहार्ड मोड़ से रांगा मोड़ तक फैली इस सड़क की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि हर कदम पर जान का खतरा मंडराता है। कोयला लदे भारी वाहनों की आवाजाही, बरसों से बगैर मरम्मत और अब ऊपर से बारिश — यह पूरा इलाका एक “खतरनाक ज़ोन” बन चुका है।
🕳️ गड्ढों में नहीं, मौत के मुंह में सफर
सड़क पर जगह-जगह इतने गहरे गड्ढे बन चुके हैं कि उनमें पूरे दोपहिया वाहन तक समा जाएं। बारिश में पानी भर जाने से गड्ढे नज़र भी नहीं आते, जिससे लोगों को अक्सर चोटें आती हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस रास्ते से स्कूल के बच्चे और बुज़ुर्ग भी रोज़ाना गुजरते हैं, जिन्हें जान हथेली पर रखनी पड़ती है।
🗣️ स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय निवासी लंबे समय से इस जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला।
“हर चुनाव में नेता वादे करते हैं, लेकिन सड़कें जस की तस रहती हैं,” एक बुज़ुर्ग निवासी ने गुस्से में कहा।
🚧 प्रशासन को चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अगले कुछ दिनों में सड़क मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया, तो वे आंदोलन या सड़क जाम जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
लोगों की एक ही मांग है — “जिंदगी की कीमत समझिए, सड़कों को दुरुस्त करिए।”
🔧 कोलियरी क्षेत्र होने के बावजूद सुविधाओं से वंचित
यह विडंबना ही है कि जिस डाबर कोलियरी क्षेत्र से करोड़ों का कोयला निकाला जाता है, उसी क्षेत्र की जनता बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर है। भारी कमाई के बावजूद इलाके में मूलभूत ढांचागत सुविधा तक नहीं।