आसनसोल/सलानपुर – डाबर कोलियरी के श्रमिकों ने सोमवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और खदान का काम पूरी तरह ठप कर दिया। उनकी मांग थी कि वर्षों से लंबित प्रमोशन तुरंत दिया जाए। श्रमिकों ने केकेएससी मजदूर संगठन के झंडे तले खदान में काम बंद कर कोलियरी एजेंट दीनेश प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
“हम मजदूर हैं, गुलाम नहीं!” – तृणमूल नेता ने उठाई आवाज
तृणमूल मजदूर संगठन के नेता दीनेश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि खदान में मजदूरों की संख्या पहले से ही कम है, फिर भी एजेंट दीनेश प्रसाद चार-पांच श्रमिकों से निजी काम करवा रहे हैं। उन्होंने कहा,
🚨 “डाबर कोलियरी में मजदूरों का शोषण हो रहा है, मानो यह ब्रिटिश शासन हो!”

श्रमिकों का आरोप है कि कई श्रमिक 10 साल से एक ही पद पर काम कर रहे हैं, लेकिन प्रमोशन नहीं दिया जा रहा। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे मजबूर होकर उन्होंने आंदोलन का रास्ता चुना।
तीन घंटे तक खदान का काम ठप! मैनेजर-एपीएम को देना पड़ा आश्वासन
🛑 सोमवार सुबह 11 बजे से ही उत्पादन और परिवहन का काम ठप कर दिया गया।
🛑 करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा, जिसके बाद एपीएम, मैनेजर और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मजदूरों से बातचीत की।
🛑 अधिकारियों ने 15 दिनों में समाधान का भरोसा दिया, तब जाकर प्रदर्शन खत्म हुआ।
15 दिन की डेडलाइन, नहीं मिला प्रमोशन तो फिर होगा आंदोलन!
मजदूरों ने प्रशासन को 15 दिन की समय-सीमा दी है और साफ कहा कि अगर इस अवधि में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे।

कैमरे से बचते रहे अधिकारी, नहीं दिया जवाब!
प्रदर्शन खत्म होने के बाद जब मीडिया ने एरिया पर्सनल मैनेजर श्यामल चक्रवर्ती से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कैमरे से बचने की कोशिश की।
डाबर कोलियरी के मैनेजर पी. काम्टे ने पुष्टि की कि मजदूर प्रमोशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे लगभग तीन घंटे तक खदान का कामकाज ठप रहा। उन्होंने कहा कि मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिया गया है।
अब देखना यह होगा कि 15 दिनों में प्रशासन क्या कदम उठाता है, या फिर डाबर कोलियरी में और बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा!