आसनसोल में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड कर्मी को डिजिटल बंधक बनाकर 1.03 करोड़ रुपये की ठगी की। ठगों ने 6 दिनों तक पीड़ित को फोन पर लगातार मानसिक दबाव में रखा और उसे सिंगापुर में गैरकानूनी गतिविधियों का आरोपी बता दिया।
कैसे दिया ठगी को अंजाम
साइबर अपराधियों ने सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर पीड़ित को फोन किया और कहा कि उसने सिंगापुर में गैरकानूनी सामान कोरियर किया है। उन्होंने धमकी दी कि यदि पीड़ित ने फोन काटा तो सीबीआई उसे तुरंत गिरफ्तार कर लेगी।

लगातार मानसिक दबाव और धमकी के चलते पीड़ित ने 1.03 करोड़ रुपये दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जाँच शुरू की। डीसी हेडक्वार्टर अरविंद कुमार आनंद ने बताया कि कोलकाता से 6 और दिल्ली से 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिक जाँच में यह मामला अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह से जुड़ा पाया गया है।
पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुँचने के लिए जाँच जारी रखी है।

साइबर ठगी से बचने के उपाय
- अनजान कॉल्स से बचें: अगर कोई सरकारी अधिकारी बनकर फोन करे तो सतर्क रहें।
- पैसे ट्रांसफर न करें: किसी भी परिस्थिति में बिना सत्यापन के पैसे ट्रांसफर न करें।
- डिजिटल अरेस्ट की धमकी: ऐसी धमकी मिलने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
- बैंक जानकारी गोपनीय रखें: अपनी बैंक और व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

पीड़ित की मानसिक स्थिति
पीड़ित ने बताया कि ठगों की धमकी ने उन्हें पूरी तरह डरा दिया था। “हर कॉल पर मैं यही सोचता था कि सीबीआई मेरे घर आ जाएगी। उन्होंने मेरे परिवार का नाम लेकर भी धमकी दी,” पीड़ित ने कहा।