दुर्गापुर के चतुरंग मैदान में ‘गीतांजलि’ समिति के द्वादश वार्षिक समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें शांतिनिकेतन की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली। हर उम्र के लोगों—आठ से अस्सी तक—ने रंगों के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
🎭 सुबह की शोभायात्रा से रंगारंग सांस्कृतिक संध्या तक

समारोह की शुरुआत भव्य प्रातः फेरी (सुबह की शोभायात्रा) से हुई, जिसमें पारंपरिक परिधानों में सजे लोग गुलाल उड़ाते हुए गीत गाते चले। इसके बाद शास्त्रीय नृत्य, बाउल संगीत, कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों और नाट्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को संगीतमय बना दिया।
🌟 सांस्कृतिक सौहार्द्र का बना अद्भुत संगम

इस आयोजन में दुर्गापुर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों लोगों ने शिरकत की और शहर के प्रशासनिक मंडल की चेयरपर्सन अनिंदिता मुखोपाध्याय समेत कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
🎶 “गीतांजलि” समिति के भव्य आयोजन ने मोहा मन
पूरे कार्यक्रम में रंगों, संगीत और संस्कृति का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव था, जिसने हर किसी को एक विशेष अनुभूति से भर दिया।