आसनसोल, पश्चिम बंगाल: रविवार की सुबह आसनसोल रेलवे स्टेशन का नजारा बिल्कुल अलग था। सीपीएम और वामपंथी दलों के हजारों समर्थक हाथों में झंडे, होठों पर नारे और आंखों में बदलाव का सपना लिए ब्रिगेड रैली में शामिल होने के लिए स्टेशन पर उमड़ पड़े। ‘ब्रिगेड चलो’, ‘लाल झंडा ज़िंदाबाद’ जैसे नारों से स्टेशन का माहौल जोशीला और ऊर्जावान हो गया।
🚩 मिनाक्षी मुखर्जी के नेतृत्व में जोश चरम पर
सीपीएम की केंद्रीय समिति की सदस्य मिनाक्षी मुखर्जी, जो कुल्टी की रहने वाली हैं, उनके समर्थन में कुल्टी, सीतारामपुर, बराकर और आसनसोल सहित पूरे क्षेत्र से बड़ी संख्या में समर्थक कोलकाता रवाना हुए। ट्रेन की सामान्य बोगियों में यात्रा कर रहे इन समर्थकों के साथ मिनाक्षी मुखर्जी के पिता भी आम जनता की तरह यात्रा करते नजर आए, जिसने कार्यकर्ताओं में और उत्साह भर दिया।
🚉 अग्निबीणा और कोल्डफील्ड एक्सप्रेस बनी लाल रथ
वाम समर्थक अग्निबीणा और कोल्डफील्ड एक्सप्रेस ट्रेनों से रवाना हुए। इन ट्रेनों के डिब्बे लाल झंडों से सराबोर हो उठे और हर कोने से ‘बेरोजगारी हटाओ’, ‘महंगाई रोको’ जैसे नारे गूंजने लगे।

💬 वाम समर्थकों की जुबानी
एक युवा कार्यकर्ता ने कहा:
“हम बदलाव चाहते हैं, और ब्रिगेड रैली सिर्फ एक सभा नहीं, बल्कि एक संदेश है — जनता अब जाग चुकी है।”
📢 ब्रिगेड रैली: सिर्फ आंदोलन नहीं, क्रांति का आगाज़
वामदलों का यह जोरदार जुटान इस बात की पुष्टि करता है कि ब्रिगेड ग्राउंड फिर से राजनीति का केंद्र बनने जा रहा है। यह सिर्फ विरोध का स्वर नहीं, बल्कि नीतियों और जनता के हक की लड़ाई का प्रतीक है।