लोकसभा चुनाव से पहले वामपंथी कार्यकर्ताओं के समर्थकों ने कांकसा में युवा लड़कियों के हाथों में झंडे लेकर और अंडा चावल खाते हुए मार्च निकाला।
11 सूत्री मांग को लेकर वामपंथी कार्यकर्ताओं के समर्थकों ने कांकसा में बीडीओ कार्यालय का घेराव कर धरना दिया। बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे कांकसा के मोल्लापाड़ा से वामपंथी कार्यकर्ताओं के समर्थक आये और कांकसा में बीडीओ कार्यालय के सामने धरना पर बैठ गये। वामपंथी समूहों के आह्वान पर वाम खेत मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष तुषार घोष, खेत मजदूर एवं आदिवासी अधिकार मंच के नेता बान्या टुडू, वाम युवा संगठन के राज्य सदस्य मीनाक्षी मुखोपाध्याय एवं जिला एवं ब्लॉक नेताओं ने हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ मार्च का नेतृत्व किया।
इस दिन मीनाक्षी ने कहा, नारी शक्ति की प्रगति के नाम पर ममता महिलाओं को धोखा दे रही हैं। वह पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ आश्चर्य की राजनीति कर रही हैं। हाथरस की तरह बंगाल में संदेश खाली की घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है l उन्होंने फूल छोड़ दिए हैं और अब लाठी पकड़ ली है, तो अगर लोग नाराज हो जाएं तो क्या जमीनी स्तर का पता नहीं लगाया जा सकता ?
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बावजूद उनके भतीजे को बचाने के लिए शाहजहां को सीबीआई को नहीं सौंपा।
राज्य सरकार किस फंड से 100 दिन के काम का पैसा दे रही है और राज्य सरकार को पूरा हिसाब जनता के सामने लाना चाहिए। किसने कितने समय तक काम किया, कितने जॉब कार्ड जारी किये गये, कितने पैसे दिये गये, किसके खाते में मजदूरी का शेष है, इसका सारा हिसाब-किताब जनता के सामने पेश किया जाना चाहिए।
इस दिन उन्होंने कांकसा बीडीओ को दोनों कान कटे हुए बेवकूफ कहकर व्यंग किया था। अपनी शिकायत से पहले वे खुद कांकसा के बीडीओ के पास आम लोगों की शिकायतें लेकर गये थे l आवास और रोजगार सहित कई मांगों से कांकसा बीडीओ को अवगत कराया गया, लेकिन कांकसा बीडीओ भी दोनों कान कटे हुए, बहरे हैं l इसलिए अभी तक कोई समस्या हल नहीं हुई है, या ‘कानों में रुई डाले हुए है। वे जितनी रुई डाल लें, मैं अपनी जगह नहीं छोड़ूंगी। यह विरोध उस व्यक्ति के कान और पीठ से रुई निकालने के लिए है जिसके कानों में रुई घुसी हुई है और पीठ बंद है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। उनका आंदोलन जारी रहेगा।