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निजी स्कूलों पर सरकारी नियमों की अनदेखी का आरोप, कांग्रेस का आंदोलन शुरू

आसनसोल: कांग्रेस ने निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत 25% गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के नियम की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की शुरुआत की है। पार्टी के प्रमुख नेताओं एम.एस. मुस्तफा, पोसंजीत पोई टुंडी, और साह आलम ने इस मुद्दे को लेकर पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया।

कांग्रेस का आरोप:

साह आलम ने बताया कि 2009 में यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए इस नियम का उद्देश्य गरीब बच्चों को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करना था। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन ने कांग्रेस नेता रवि यादव को उस समय लिखित प्रमाण दिया था कि यह नियम प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, लेकिन आज भी अधिकांश निजी स्कूल इसका पालन नहीं कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस अनदेखी के कारण गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है।

निजी स्कूलों पर निगरानी का ऐलान:

साह आलम ने कहा, “कल से हम निजी स्कूलों का दौरा करेंगे और उनसे पूछेंगे कि क्या वे इस नियम का पालन कर रहे हैं। यदि कोई स्कूल 25% गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने में विफल रहता है, तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर प्रशासन से सख्त कदम उठाने की अपील करेगी।

आंदोलन की रणनीति:

कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की है कि यह अभियान केवल शुरुआत है। यदि निजी स्कूल नियम का पालन नहीं करते, तो पार्टी बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि सामाजिक समानता का भी है। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।”

कांग्रेस ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से तुरंत हस्तक्षेप करने और नियम का सख्ती से पालन कराने की मांग की है।

निजी स्कूलों का पक्ष:

कुछ स्कूलों ने अनौपचारिक रूप से कहा है कि सरकारी नियमों के अनुसार गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए कोई उचित वित्तीय सहायता नहीं मिलती। इस कारण उन्हें इस नियम को लागू करने में कठिनाई होती है।

ghanty

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