आसनसोल:
आसनसोल में कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। शहर के वार्ड नंबर 54 और 55 में कांग्रेस की ओर से “हस्ताक्षर अभियान” चलाया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
इस अभियान का उद्देश्य था — नागरिकों से हस्ताक्षर करवा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर लगाए गए “वोट चोरी” के आरोपों के खिलाफ जनसमर्थन जुटाना।
🔹 राहुल गांधी के संदेश को जनता तक पहुंचाने की कोशिश
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और “वोट चोरी” करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
उनके इसी संदेश को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए आसनसोल कांग्रेस टीम ने यह स्थानीय स्तर पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया।
अभियान में युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
🔹 शाह आलम बोले — “वोट चोरी से चल रही है केंद्र की सत्ता”
कांग्रेस नेता शाह आलम ने कहा,
“केंद्र सरकार लोकतंत्र के मूल्यों को खत्म कर रही है। वोट चोरी के जरिए राज्यों में सत्ता हासिल की जा रही है। राहुल गांधी देशभर में यात्राओं के दौरान इस सच्चाई को जनता के सामने रख रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि आसनसोल के कुमारपुर और आसपास के क्षेत्रों में जनता कांग्रेस के साथ खुलकर सामने आई है।
“हम जनता को जागरूक कर रहे हैं ताकि आने वाले चुनावों में देश का वोट सुरक्षित रह सके।”
🔹 सही संग्रह अभियान के बाद बड़ा आंदोलन तय
शाह आलम ने बताया कि यह अभियान सिर्फ शुरुआत है।
“हस्ताक्षर अभियान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता व्यापक आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं। यह लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा और जनता की आवाज को बचाने की लड़ाई है।”
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे इस अभियान को आसनसोल के अन्य वार्डों, रानीगंज, कुल्टी और बाराकर तक भी फैलाने की योजना बना रहे हैं।
🔹 स्थानीय नागरिकों का समर्थन बढ़ा
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि राहुल गांधी का यह कदम सही समय पर आया है।
कई लोगों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों से आम जनता को दबाया जा रहा है, और लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।
“अब जनता को जागना होगा और अपना हक खुद लेना होगा,” — एक स्थानीय महिला कार्यकर्ता ने कहा।
⚡ राजनीतिक हलचल तेज
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आसनसोल जैसे औद्योगिक शहर में कांग्रेस का यह अभियान आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को गरमा सकता है।
स्थानीय स्तर पर इस पहल ने टीएमसी और बीजेपी दोनों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।