👉 कोयला कारोबारी मनोज अग्रवाल के ठिकानों पर रेड, दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड खंगाल रही टीम
आसनसोल/धनबाद : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर एक्टिव कोल माफिया सिंडिकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। शुक्रवार की सुबह ईडी ने कोयला कारोबार और आउटसोर्सिंग से जुड़े कंपनी के कई बड़े ठिकानों पर धनबाद में एक साथ कार्रवाई शुरू की। हालांकि, जिस कंपनी पर कार्रवाई की जा रही है, उसके तार शिल्पांचल में काफी गहरी तौर पर जुड़ी हुई हैं। ऐसे में पूरे कोयलांचल-शिल्पांचल में हड़कंप मच गया है। अवैध कायला कारोबार से जुड़े मास्टरमाइंड, ऑपरेटर और उनके गुर्गे अंडरग्राउंड हो गए हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम डेको आउटसोर्सिंग के संचालक और ट्रांसपोर्टर मनोज अग्रवाल के ठिकानों पर तलाशी ले रही है। यह कार्रवाई अवैध कोयला कारोबार के जरिए हुई कथित मनी लांड्रिंग जांच का हिस्सा बताई जा रही है।
केंद्रीय सुरक्षा बलों ने परिसर को घेर लिया
सुबह करीब 7 बजकर 30 मिनट पर ईडी की गाड़ियां धनसार स्थित मनोज अग्रवाल के आवास पहुंचीं। कुछ ही देर में केंद्रीय सुरक्षा बलों ने परिसर को घेर लिया और अधिकारी घर के अंदर दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों और वित्तीय रिकॉर्ड की गहन जांच में जुट गए।

ईडी की इस छापेमारी ने धनबाद सहित पूरे शिल्पांचल में हलचल बढ़ा दी है। अचानक हुई कार्रवाई से कोयला कारोबार से जुड़े लोगों में बेचैनी साफ दिखाई दे रही है। इलाके में सुबह से ही ईडी की मौजूदगी को लेकर चर्चा तेज है और स्थानीय लोग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
पिछले रेड के आधार पर की गई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, बीते माह झारखंड और पश्चिम बंगाल में लगभग 44 ठिकानों पर हुई बड़ी रेड से मिले दस्तावेजों और वित्तीय गतिविधियों की पड़ताल के आधार पर यह कार्रवाई आगे बढ़ाई गई है। ईडी टीम कई घंटों से लगातार तलाशी अभियान में लगी हुई है और आगे भी कार्रवाई जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
केके-एलबी नेक्सस समेत दर्जनों के ठिकानों पर पड़े थे छापे
दरअसल, 21 नवंबर को बीसीसीएल के टेंडर में गड़बड़ी, कोयले का अवैध कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के धनबाद व दुमका समेत पश्चिम बंगाल के आसनसोल, दुर्गापुर, पुरुलिया और कोलकाता में एक दर्जन से अधिक कोयला और बालू माफियाओं के 44 ठिकानों पर एक साथ बड़ी कार्रवाई की थी। करीब 36 घंटों तक सर्च ऑपरेशन चला था।
धनबाद में 17 समेत झारखंड के 18 ठिकानों पर ईडी की टीम ने सुबह 6 बजे एक साथ छापेमारी की थी। धनबाद में एलबी सिंह के सरायढेला, कुंभनाथ सिंह के कुसुम बिहार, दोनों के शिमलाबहाल स्थित आवास, संजय खेमका के धनसार स्थित ऑफिस व दुमका में अमर मंडल सहित अन्य के ठिकानों पर रेड डाली गई थी। वहीं, बंगाल के 22 ठिकानों पर ईडी रेड पड़ी थी। इनमें कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू उर्फ केके, नरेन खरका उर्फ नारायण नंदा, लोकेश सिंह, निरोद बरन मंडल, शशि यादव, परवेज सिद्दीकी के ठिकाने शामिल थे।
बंगाल-झारखंड से 14 करोड़ नकद और गोल्ड ज्वैलरी मिले थे
बीसीसीएल के टेंडर में गड़बड़ी में आउटसोर्सिंग कंपनी एटी देवप्रभा के मालिक एलबी सिंह, कुंभनाथ सिंह और संजय खेमका के घरों पर छापेमारी हुई थी। वहीं, जीएसटी में गड़बड़ी, कोयला तस्करी, अवैध परिवहन और कोयला भंडारण मामले में कारोबारी अनिल गोयल, दीपक पोद्दार आदि के ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी गई थी। वहीं कोल सिंडिकेट संचालन में कृष्ण मुरारी कयाल, लोकेश सिंह, नारायण नंदा, निरोद बरन मंडल सहित दर्जनों माफियाओं के ठिकानों पर दबिश दी गई थी। ईडी टीमों को बंगालऔर झारखंड से 14 करोड़ की नकद, जमीन की 120 डीड, 6 करोड़ से अधिक की गोल्ड ज्वैलरी, डिजिटल डिवाइस और भारी मात्रा में दस्तावेज मिली थी। पूरे सिंडिकेट का मास्टरमाइंड केके-एलबी नेक्सस को बताया गया था।












