‘100 दिन काम’ पर केंद्र सरकार की शर्तों पर भड़कीं CM ममता, मंच पर फाड़ा शर्त वाला पत्र

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👉 कूचबिहार की जनसभा से भाजपा और केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कूचबिहार : मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बार फिर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/100 दिन का काम) योजना के बकाए को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कूचबिहार में एक जनसभा से दावा किया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के एक साल बाद केंद्र की ओर से पत्र भेजा गया है, जिसमें 100 दिन के काम को लेकर कई नई शर्तें थोपी गई हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा लगाए गए कुछ शर्तों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट कहा कि हम इन शर्तों को नहीं मानते। 100 दिन का काम बंगाल ही करेगा। इसके तुरंत बाद, उन्होंने मंच पर ही केंद्र सरकार के उन निर्देशों वाला पत्र फाड़ दिया, जिसे वह साथ लेकर आई थीं। मंगलवार को कूचबिहार के रासमेला मैदान में आयोजित राजनीतिक सभा में ममता बनर्जी ने शुरू से ही भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने केंद्रीय भेदभाव का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्र ने 100 दिन के काम का पैसा देना चार साल से बंद कर दिया है। आवास योजना (आवास योजना) बंद है। ग्रामीण सड़कों का काम बंद कर दिया गया है।” इसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी याद दिलाया।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2021 के बाद से पश्चिम बंगाल के लिए 100 दिन के काम के तहत फंड जारी करना बंद कर दिया है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, राज्य के श्रमिकों को निर्धारित दिनों का काम सुनिश्चित करने के लिए ममता बनर्जी ने राज्य के खजाने से पैसा देकर ‘कर्मश्री’ नामक एक वैकल्पिक योजना शुरू की है।

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