लक्ष्मी पूजा की पूर्व संध्या पर जब पूरे शहर में उत्सव का उल्लास फैला हुआ था, उसी समय रेलनगरी चित्तरंजन में पसरा था मौत का सन्नाटा। नॉर्थ एरिया की 64 नंबर रोड स्थित 25-बी क्वार्टर से बरामद हुआ रेलकर्मी प्रदीप चौधरी का खून से लथपथ शव। छाती के बाईं ओर गोली का निशान और पास में मिली आधी खाली पिस्तौल ने पूरे मामले को और भी रहस्यमयी बना दिया है।
🕵️♂️ कैसे सामने आया मामला?
प्रदीप चौधरी के बेटे देबदित्य ने बताया कि दोपहर में वह घर से बाहर गए थे। शाम को लौटने पर जब दरवाज़ा अंदर से बंद मिला और कोई जवाब नहीं आया, तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाज़ा तोड़ा तो सामने था दिल दहला देने वाला दृश्य — बिस्तर पर पड़े प्रदीप चौधरी, लहूलुहान और निःशब्द।
🚨 पुलिस की जांच और लोगों के सवाल
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है — “हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।”
लेकिन शहर के लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं —
- क्या यह सचमुच आत्महत्या है?
- या फिर किसी ने चुपचाप उनकी ज़िंदगी का अंत कर दिया?
- क्यों बार-बार एक ही घर खून से लाल हो रहा है?
🩸 पुराना रहस्य फिर ताज़ा!
लोगों को याद है बसंती पूजा की वह भयावह रात, जब इसी क्वार्टर से प्रदीप चौधरी की पत्नी का गला कटा शव मिला था। उस समय आरोपों के घेरे में थे प्रदीप चौधरी, लेकिन सबूतों के अभाव में वह बच निकले।
आज उनकी अपनी मौत ने पुराना जख्म फिर हरा कर दिया है।
क्या यह अपराधबोध से ग्रसित आत्महत्या है?
या फिर पत्नी की मौत से जुड़े किसी अधूरे रहस्य का खूनी बदला?
😨 सहमे लोग, सतर्क पुलिस
रेलनगरी चित्तरंजन में अब एक ही सवाल गूंज रहा है —
👉 “प्रदीप चौधरी की मौत — आत्महत्या या रहस्य से घिरी हत्या?”
शहर दहला हुआ है, लोग हैरान हैं और पुलिस चौकसी में जुट गई है।
लेकिन सच क्या है — यह अभी भी अंधेरे में है।