चित्तरंजन : देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली चित्तरंजन रेल नगरी मंगलवार की रात उस समय खून से लाल हो गई, जब रेलकर्मी प्रदीप चौधरी की पत्नी सांचिता चौधरी (56) की उनके ही क्वार्टर में बेरहमी से हत्या कर दी गई।
घटना 28 नंबर रोड स्थित क्वार्टर संख्या 46/2डी की है। घटना के समय प्रदीप ड्यूटी पर थे, और इसी का फायदा उठाकर अपराधी घर में घुसे, सांचिता पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और गहने लूटकर फरार हो गए।
संचिता की लाश बालकनी में खून से लथपथ मिली
रात में जब बेटा देवदत्त चौधरी ने मां से संपर्क नहीं हो पाने पर पिता को सूचना दी, तो ड्यूटी से लौटने पर प्रदीप ने देखा कि घर का दरवाजा खुला है, सामान बिखरा पड़ा है, और बालकनी में पत्नी की लाश खून से लथपथ पड़ी है। दीवारें, फर्श और बिस्तर पर खून के छींटे थे, और अलमारी खुली हुई थी।
हत्या के पहले चला जबरदस्त संघर्ष!
पुलिस के मुताबिक, सांचिता ने अंत तक जान बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों की बेरहमी के आगे हार माननी पड़ी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सिर और गर्दन पर गहरे घाव के निशान हैं।
🔍 सुरक्षा पर सवाल — क्या रेलकर्मियों के परिवार सुरक्षित नहीं?
रेल नगरी में आए दिन हो रही चोरी और अब हत्या की वारदात ने चित्तरंजन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्थानीय लोगों ने RPF और रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है।
🔴 चित्तरंजन थाने की पुलिस और आरपीएफ मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने भी जांच शुरू कर दी है।
🗣️ इलाके में दहशत, महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रहीं
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे मोहल्ले में डर और गुस्से का माहौल है। महिलाओं का कहना है कि “रेलवे क्वार्टर्स में तैनात गार्ड्स आखिर क्या कर रहे थे?”