चित्तरंजन: चित्तरंजन रेलवे कॉलोनी में सोमवार सुबह रेलवे प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए कुल 16 अनधिकृत (अनऑथराइज्ड) क्लबों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। जैसे ही जेसीबी मशीनें कॉलोनी में उतरीं, पूरे इलाके में सन्नाटा और दहशत दोनों फैल गए। लोगों के बीच चर्चा—”क्या अब बचेगा कुछ?”
आरपीएफ अधिकारी सोमनाथ चक्रवर्ती ने बताया कि इन सभी क्लबों को काफी समय पहले ही नोटिस जारी किया गया था, जिसमें साफ निर्देश दिया गया था कि निर्धारित समय सीमा के भीतर परिसर खाली किया जाए। नोटिस की समय सीमा बीत जाने के बाद रेलवे ने आज बिना किसी देरी के एक के बाद एक 16 क्लबों को तोड़ गिराया।
रेलवे प्रशासन के मुताबिक यह कार्रवाई बिलकुल नियमानुसार की गई है। रेलवे की जमीन पर सालों से बने इन अनधिकृत क्लबों को लेकर कई बार शिकायतें उठी थीं। माना जा रहा है कि कुछ क्लबों में अनुचित गतिविधियों के चलने की सूचना भी प्रशासन तक पहुंची थी, जिसके बाद कार्रवाई और तेज हो गई।
स्थानीय लोगों के बीच इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखी गई। कुछ लोग इसे “जरूरी कदम” बता रहे हैं तो कुछ इसे “अचानक हमला” कह रहे हैं। कई क्लब सदस्य मौके पर पहुंचकर प्रशासन से गुहार लगाते दिखे, लेकिन रेलवे अपने फैसले पर अडिग रहा।
रेलवे की ओर से यह भी कहा गया कि “रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
आज की कार्रवाई का उद्देश्य कॉलोनी को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करना और आने वाले समय में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आज ही सभी 16 अवैध क्लबों को हटाने का काम पूरी तरह पूरा कर लिया जाएगा।












