चिनाकुरी कोलियरी में फिर भड़का आंदोलन, स्थानीयों को नौकरी दो की मांग पर अड़े ग्रामीण

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चिनाकुरी (पश्चिम बर्धमान):
चिनाकुरी तीन नंबर कोलियरी एक बार फिर से धरना और आंदोलन का केंद्र बन गया है। निजी कोयला खनन कंपनी के गेट के सामने ‘समस्त ग्राम कमेटी’ के बैनर तले दर्जनों ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनकी एक ही मांग है—स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए।

गौरतलब है कि इस कोलियरी में कोयला उत्खनन का कार्य ईसीएल (Eastern Coalfields Limited) द्वारा एक निजी कंपनी को सौंपा गया है। लेकिन स्थानीय लोगों की उपेक्षा और बाहरी लोगों को रोजगार दिए जाने के आरोप में विरोध तेज़ होता जा रहा है।

🗓 बैठक टली, गुस्से में ग्रामीण

जानकारी के मुताबिक, 3 जुलाई को कंपनी और संगठन के बीच बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन कंपनी ने बैठक को स्थगित कर दिया, और अब यह 7 जुलाई को होगी। आंदोलनकारी पीयूष महतो ने बताया कि

“हम शांतिपूर्ण ढंग से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अगर अब भी स्थानीयों को नौकरी नहीं दी गई, तो आंदोलन और तेज़ होगा।”

📣 मांगें क्या हैं?

  • चिनाकुरी क्षेत्र के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी मिले
  • निजी कंपनियां स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर स्थायी रूप से नियुक्त करें
  • खनन कार्यों में पारदर्शिता और स्थानीय ग्राम पंचायतों की भागीदारी

🛑 प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है, जबकि गांवों में बेरोजगारी और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन क्षेत्रीय स्तर पर फैल सकता है।

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