बर्नपुर : देश के प्रमुख औद्योगिक हब में शामिल बर्नपुर स्थित सेल आईएसपी (इस्को स्टील प्लांट) में अब तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। वर्षों पुराने, विदेशी तकनीक पर आधारित 5 कूलिंग टावरों को तोड़ दिया गया है। अब उनकी जगह ली जाएगी नई और उन्नत तकनीक से युक्त पर्यावरण-अनुकूल सुपर कूलिंग टावरों द्वारा।
सेल प्रबंधन के अनुसार, ये कूलिंग टावर अब अपनी उम्र पूरी कर चुके थे और उत्पादन क्षमता में भी बाधा बन रहे थे। लिहाज़ा, इन ढांचों को हटाकर प्लांट में नई ऊर्जा और दक्षता का संचार किया जाएगा।
🏗️ आधुनिकीकरण का बड़ा कदम
यह प्रक्रिया बर्नपुर स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण मिशन का अहम हिस्सा है, जिसके तहत पुराने और जर्जर ढांचों को हटाकर अत्याधुनिक तकनीकों को लागू किया जा रहा है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि ऊर्जा की खपत में भी कमी आएगी और ऑपरेशन अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होगा।
🌱 पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी
नए कूलिंग टावरों में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आने की संभावना है। साथ ही, इन टावरों का डिज़ाइन ऐसा होगा कि वे कम स्पेस में ज्यादा प्रभावी कार्य कर सकें।
🏭 प्लांट की क्षमता में होगा बड़ा इजाफा
विशेषज्ञों का मानना है कि नई तकनीक लागू होने के बाद बर्नपुर स्टील प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी में 20-25% तक का उछाल देखा जा सकता है। वहीं, कर्मचारियों के लिए भी यह बदलाव सुरक्षित और सुविधाजनक कार्य वातावरण तैयार करेगा।