आसनसोल में BJP की गोपनीय रणनीति बैठक, 2026 बंगाल चुनाव में गेम प्लान तैयार

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आसनसोल।
2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है। बंगाल की राजनीति अक्सर अचानक तेज़ मोड़ लेती है, और इस बार आसनसोल में शुक्रवार को BJP की एक हाई-प्रोफाइल बैठक ने पूरे प्रदेश में चुनावी हलचल को और प्रज्वलित कर दिया है।

आसनसोल ज़िला भाजपा कार्यालय में आयोजित इस रणनीतिक बैठक को लेकर सुबह से ही पार्टी दफ्तर में असामान्य गतिविधि देखी गई। यहाँ पुरुलिया, बिष्णुपुर, बांकुरा और आसनसोल के शीर्ष पदाधिकारी, विधायक, सांसद और संगठन के वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।

⭐ बैठक का मुख्य सवाल:

“2026 का बंगाल—BJP कैसे जीते?”

बैठक में बूथ स्तर तक संगठन विस्तार, पुराने नेताओं को फिर से सक्रिय करने, युवा वोट बैंक को साधने और पिछली चुनावी गलतियों की काट तलाशने पर गंभीर चर्चा हुई।
पार्टी सूत्रों ने यह भी माना कि 2021 की हार के बाद बंगाल में फिर से मजबूत वापसी आसान नहीं, लेकिन “चुनौती जितनी बड़ी, रणनीति उतनी ही आक्रामक” — इसी संदेश के साथ बैठक आगे बढ़ी।

🔥 भूपेंद्र यादव की मौजूदगी से बढ़ी चर्चा

इस बैठक में विशेष रूप से शामिल हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव
उनकी उपस्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल चुनाव इस बार बीजेपी के लिए “टॉप प्रायोरिटी” मिशन है।

सूत्रों के अनुसार, यादव ने जिला स्तर के नेताओं से सीधे फीडबैक लिया—
✔️ कौन से मुद्दे जनता को सबसे ज़्यादा प्रभावित कर रहे हैं?
✔️ किन सीटों पर पार्टी कमजोर है?
✔️ किन क्षेत्रों में TMC से सीधी टक्कर है?
✔️ किन जिलों में संगठन को नए चेहरे चाहिए?

📍 स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा

बैठक में जिन मुद्दों पर सबसे अधिक फोकस रहा—

  • कोयलांचल क्षेत्रों में रोजगार और उद्योग संकट
  • आसनसोल–दुर्गापुर बेल्ट की अवसंरचना समस्याएँ
  • ग्रामीण क्षेत्रों में TMC चुनावी मशीनरी का दबदबा
  • आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी
  • SC/ST और युवा वोट बैंक की रणनीति

भाजपा नेताओं ने दावा किया कि “2026 में बंगाल की लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, मनोवैज्ञानिक भी होगी।”

🚩 आने वाले महीनों में बड़े अभियान की तैयारी

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में—

  • विशाल जनसंपर्क अभियान,
  • बूथ शक्ति केंद्र कार्यक्रम,
  • संगठन विस्तार यात्रा,
  • पहली बार वोट करने वाले युवाओं के लिए विशेष कैंपेन,

जोर-शोर से शुरू किए जाएंगे।

इस बैठक के बाद स्पष्ट है कि बीजेपी ने बंगाल को लेकर अब अग्रेसिव मोड अपना लिया है।
2026 का चुनाव नज़दीक आते-आते राजनीतिक सरगर्मी बंगाल में चरम पर पहुँचने वाली है।

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