मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल: मुर्शिदाबाद जिले में धार्मिक निर्माण परियोजनाओं को लेकर राजनीतिक बवाल मच गया है। बीजेपी ने राम मंदिर बनाने की घोषणा की है, जबकि टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने इसी जिले में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद बनाने की योजना का ऐलान किया है। इन दोनों परियोजनाओं ने जिले में सियासी तनाव को बढ़ा दिया है।
बीजेपी का राम मंदिर निर्माण का प्लान
बीजेपी के बहरमपुर जिला अध्यक्ष शंकरव सरकार ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। यह निर्माण कार्य 22 जनवरी 2025 से शुरू होगा, जो अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के ठीक एक साल बाद होगा।
शंकरव सरकार ने कहा, “बहरमपुर इलाके में जमीन चिह्नित हो चुकी है और अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 10 करोड़ रुपये है।”
टीएमसी विधायक का मस्जिद निर्माण का ऐलान
टीएमसी के बेलडांगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हुमायूं कबीर ने घोषणा की कि उनके क्षेत्र में एक मस्जिद बनाई जाएगी, जो अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान करेगी। हुमायूं कबीर ने कहा, “यह मस्जिद ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित होगी और यह अल्पसंख्यक समुदाय की पुरानी मांगों को पूरा करेगी।”
राजनीतिक टकराव और विवाद
इन दोनों परियोजनाओं को लेकर राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने बीजेपी और टीएमसी पर धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
बीजेपी का मानना है कि यह परियोजना मुरशिदाबाद में उनके हिंदू वोटबैंक को मजबूत करेगी। मुर्शिदाबाद जिले की लगभग 75% आबादी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है।
टीएमसी ने हुमायूं कबीर के बयान से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हुमायूं कबीर का यह बयान पूरी तरह से उनकी व्यक्तिगत राय है। इसका टीएमसी से कोई लेना-देना नहीं है।”
विपक्ष का हमला
कांग्रेस ने इस घटना को “संवेदनशील क्षेत्र में विभाजनकारी राजनीति” करार दिया है। उनके अनुसार, इस तरह की योजनाएं साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए बनाई जा रही हैं।