आसनसोल (बाराबनी) – पश्चिम बर्धमान जिले के ईटापाड़ा खुली खदान को लेकर बुधवार को असनसोल में राजनीतिक पारा चढ़ गया। स्थानीय युवाओं को रोजगार देने सहित कई मांगों को लेकर जिला भाजपा की ओर से एक ज्ञापन (डिप्टीशन) कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जो देखते ही देखते पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच टकराव में बदल गया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जब वे शांतिपूर्वक ज्ञापन देने के लिए आगे बढ़ रहे थे, तभी पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोका। जब कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि बीजेपी कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़े और सड़क पर ही जनसभा शुरू कर दी।
🗣️ देबतनु भट्टाचार्य का आरोप – “हमारे कार्यकर्ता पर पुलिस ने बरसाई लाठियां”
डिप्टीशन कार्यक्रम के दौरान जिले के बीजेपी अध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा,
“पुलिस ने हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। हमारे एक कार्यकर्ता पर लाठीचार्ज किया गया। सरकार प्रशासन के जरिए हमारी आवाज दबाना चाहती है।”
🛡️ पुलिस का जवाब – “कोई लाठीचार्ज नहीं, संयम के साथ संभाला हालात”
बीजेपी के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए एसीपी ईप्सिता ने बयान दिया,
“पुलिस ने संयमित रवैया अपनाया। किसी भी कार्यकर्ता पर लाठीचार्ज नहीं किया गया। हमारी प्राथमिकता कानून व्यवस्था बनाए रखना है।”
पुलिस का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण जरूर हुई थी, लेकिन नियंत्रण में रही और किसी भी पक्ष पर अत्यधिक बल प्रयोग नहीं किया गया।
🧿 रोजगार के मुद्दे पर आगे बढ़ेगा आंदोलन?
ईटापाड़ा खुली खदान में स्थानीय युवकों की अनदेखी कर बाहरी लोगों को नौकरी दिए जाने का आरोप बीजेपी कई दिनों से लगा रही है। इस मुद्दे पर पार्टी जल्द ही एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सकती है।
📌 निष्कर्ष:
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बार फिर रोजगार और स्थानीय हित के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। बीजेपी जहां इसे जनता की आवाज बता रही है, वहीं प्रशासन इसे कानून-व्यवस्था का मामला बता रहा है। देखना होगा आने वाले दिनों में यह टकराव किस दिशा में जाता है।












