दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल:
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य घटना को लेकर सियासत गरमा गई है। सोमवार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिटी सेंटर स्थित अड्डा मोड़ पर पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी, पुरुलिया के सांसद और आसनसोल-दुर्गापुर इकाई के शीर्ष नेता मौजूद रहे।
धरने के पहले ही दिन माहौल तनावपूर्ण हो गया जब भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हो गई। भाजपा का आरोप है कि प्रशासन ने मंच की बिजली काट दी और तंबू हटाने की कोशिश की। इससे नाराज़ कार्यकर्ताओं ने “ममता हटाओ, बंगाल बचाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए।
🗣️ “महिलाएं असुरक्षित, ममता सरकार बेपरवाह” – सुवेंदु अधिकारी
धरने को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“आज बंगाल में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। मुख्यमंत्री कहती हैं कि महिलाएं रात में बाहर न निकलें — क्या यही समाधान है? कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। पुलिस अब जनता की नहीं, पार्टी की सेवक बन चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा,
“जिस छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ, उसके पिता को बेटी की सुरक्षा के लिए उड़ीसा जाना पड़ा। यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। ममता बनर्जी की सरकार में न्याय नहीं, अपराधियों का संरक्षण है।”
🔥 “यह बंगाल की बेटी का अपमान है”
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह मामला केवल एक छात्रा का नहीं, बल्कि बंगाल की हर बेटी की सुरक्षा का सवाल है। प्रदर्शन स्थल पर भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने “बेटी के लिए न्याय दो” और “राज्यपाल कार्रवाई करो” जैसे नारे लगाए।
प्रदेश भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस घटना की न्यायिक जांच और दोषियों की गिरफ्तारी नहीं करती, तो पार्टी राज्यभर में “महिला सुरक्षा सत्याग्रह” शुरू करेगी।
⚖️ कानून-व्यवस्था पर सवाल, बंगाल की सियासत में उबाल
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह धरना न केवल दुष्कर्म की घटना पर आक्रोश का प्रतीक है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले बंगाल में भाजपा की सियासी रणनीति का हिस्सा भी है।
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पहले ही पीड़िता से मिलकर न्याय का आश्वासन दे चुके हैं, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है।