आसनसोल संवाददाता ||
हुल विद्रोह दिवस के अवसर पर सोमवार को आसनसोल की सड़कों पर एक ऐतिहासिक नज़ारा देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एसटी/एससी मोर्चा की ओर से पारंपरिक तीर-धनुष, ढोल-नगाड़ों और आदिवासी पोशाकों में सजे कार्यकर्ताओं ने एक भव्य रैली निकाली। यह रैली गिरजामोड़ से शुरू होकर कॉरपोरेशन मोड़ तक पहुंची, जहां एक बड़ी जनसभा में तब्दील हो गई।
✊ “हुल दिवस उत्सव नहीं, क्रांति का प्रतीक है” – सुशील टुडू
सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी नेता सुशील टुडू ने कहा –
“हुल दिवस सिर्फ उत्सव नहीं है, यह आदिवासी अस्मिता, बलिदान और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है। वाम सरकार ने भी इसे कमजोर किया और अब तृणमूल सरकार सिर्फ इसे सांस्कृतिक कार्यक्रम बनाकर सीमित कर रही है।”
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “आदिवासी समाज अब सिर्फ संस्कृति में नहीं, बल्कि संघर्ष में भी आगे बढ़ रहा है।”
🛑 “सरकार ने आदिवासियों को छला है” – देबतनु भट्टाचार्य
सभा में भाजपा पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य ने ममता सरकार पर आदिवासियों के प्रति उपेक्षा और शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा –
“राज्य सरकार योजनाएं सिर्फ कागजों पर चलाती है। जमीनी स्तर पर आदिवासी पंचायतों में भ्रष्टाचार, भेदभाव और योजनाओं का लाभ न मिलना आम बात है।”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आने वाले समय में भाजपा “आदिवासियों के अधिकारों और आत्मसम्मान के लिए राज्यभर में आंदोलन छेड़ेगी।”
📢 सभा में उठी यह प्रमुख मांगें:
- वन अधिकार अधिनियम का पूर्ण क्रियान्वयन
- आदिवासी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और छात्रावास
- जल-जंगल-जमीन पर आदिवासियों का वैधानिक अधिकार
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण को ईमानदारी से लागू करना
🔥 अतिरिक्त जानकारी:
- रैली में महिलाओं और युवाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही
- कई लोगों ने सिधू-कान्हू और बिरसा मुंडा के नारे लगाते हुए क्रांतिकारी गीत गाए
- कार्यक्रम में परंपरागत आदिवासी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया