बीरभूम : पश्चिम बंगाल में भाषाई विवाद अब गहराने लगा है। निशाने पर हिन्दीभाषी हैं. इस लेकर तनाव की स्थिति बनती जा रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बंगाली अस्मिता का मुद्दा उछाले जाने के बाद अब ऐसे मामले खुलकर सामने आने लगे हैं. कथित तौर पर बांग्ला पोक्खो नामक संगठन पर भाषाई उन्माद फैलाने का आरोप लगातार सामने आ रहा है, बावजूद इसके संगठन अथवा इसके पदाधिकारियों पर कार्रवाई तो दूर की बात है, प्रशासन इसका संज्ञान तक नहीं ले रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव के पहले भाषाई अस्मिता को लेकर सियासत और भी तेज होने की आशंका जताई जा रही है.
सिउड़ी रेलवे स्टेशन का मामला
ताजा मामला पश्चिम बंगाल के बीरभूम से सामने आया है. बीरभूम के सिउड़ी में रेलवे कर्मचारी से बंगाली न बोलने पर माफी मंगवाई गई. बांग्ला पोक्खो के महासचिव गर्ग चटर्जी पर बीरभूम में एक गैर-बंगाली रेलकर्मी से बंगाली न बोलने पर माफी मंगवाने का आरोप लगा है. आरोप है कि बांग्ला पोक्खो के महासचिव गर्ग चटर्जी के नेतृत्व में संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिउड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचकर रेलकर्मी रवि प्रसाद वर्मा को बंगाली सिखाई. बंगाली नहीं बोल पाने पर जलील किया और माफी भी मंगवाई.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है. खुद बांग्ला पोक्खो के एक्स अकाउंट पर इस वीडियो को शेयर भी किया गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि रेलवे कर्मी से बंगाली में बात करने के लिए कहा जा रहा है. वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, “सिउरी स्टेशन पर एक बंगाली व्यक्ति को बंगाली भाषा में सेवा मांगने पर एक बाहरी रेलवे कर्मचारी ने अपमानित किया और उसकी नागरिकता के बारे में पूछताछ की. जब बंगाली व्यक्ति ने उसे घूरा, तो वर्मा जी ने बंगाली व्यक्ति से माफ़ी मांगी. वर्मा जी ने जिंदगी भर बंगाल में काम किया है, लेकिन उन्हें बंगाली का एक भी शब्द नहीं आता.”