बंगाली नववर्ष की धूम में परंपरा का संगम: मंत्री मलय घटक ने बांटे खोल-करताल, ग्रामीणों में खुशी की लहर

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आसनसोल/पश्चिम बंगाल: बंगाली नववर्ष ‘पोइला बैसाख’ की रौनक पूरे पश्चिम बंगाल में छाई हुई है। चारों तरफ धार्मिक उत्सव, बाजारों की चहल-पहल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम है। इसी जश्न के बीच राज्य के वरिष्ठ मंत्री मलय घटक ने ग्रामीण संस्कृति को संजोने की एक अनोखी पहल की है, जिसने लोगों का दिल जीत लिया।

🪘 परंपरा से जुड़ाव: खोला-करताल के साथ बैसाख का स्वागत

मंत्री मलय घटक ने आसनसोल उत्तर थाना क्षेत्र के कल्ला और आसपास के इलाकों में ग्रामीणों को पारंपरिक वाद्य यंत्र ‘खोल’ (ढोल) और ‘करताल’ वितरित किए। ये वाद्य यंत्र हरिनाम संकीर्तन, कीर्तन और पूजा-पाठ जैसे धार्मिक आयोजनों में खास महत्व रखते हैं।

“हमारा प्रयास है कि ग्रामीण संस्कृति और परंपरा को जीवित रखा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रहें।” — मलय घटक

🎉 गांव-गांव में उमंग, मिली सांस्कृतिक पहचान

ग्रामीणों ने मंत्री की इस पहल का गर्मजोशी से स्वागत किया। कई लोगों ने कहा कि इससे न सिर्फ धार्मिक आयोजनों को नया जीवन मिला है, बल्कि युवा पीढ़ी भी अब पारंपरिक संगीत और संस्कृति में रुचि दिखा रही है।

“खोल-करताल मिलने से इस बार का नववर्ष खास हो गया। हम लोग खुद अपने गांव में संकीर्तन और पूजा करने को उत्साहित हैं।” — स्थानीय ग्रामीण

🌟 सांस्कृतिक जागरूकता की दिशा में कदम

इस पहल को स्थानीय सांस्कृतिक संगठनों ने भी सराहा है और मांग की है कि भविष्य में और भी पारंपरिक कला रूपों को पुनर्जीवित करने की दिशा में सरकार सहयोग करे।

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