कोलकाता/आसनसोल।
पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर सियासी बवंडर खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर राज्य में किसी नागरिक का नाम मतदाता सूची से बिना कारण हटाया गया, तो राज्यव्यापी जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। तृणमूल सुप्रीमो की इस चेतावनी के बाद राजनीति में भूचाल आ गया है और भाजपा ने तीखा पलटवार किया है।
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने ममता पर बोला हमला
दक्षिण आसनसोल से भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी बेवजह जनता में डर फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में संशोधन भारत निर्वाचन आयोग की नियमित प्रक्रिया है, जो पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होती है। इसमें राज्य सरकार का हस्तक्षेप असंवैधानिक और खतरनाक है।
“लोकतंत्र को बंधक न बनाएं ममता दीदी”
अग्निमित्रा ने कहा कि अगर ममता बनर्जी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करेंगी, तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी। “वोटर लिस्ट को लेकर भ्रम फैलाना बंद करें, यह संविधान की भावना के खिलाफ है,” उन्होंने कहा।
TMC का पलटवार: हिंदीभाषियों और अल्पसंख्यकों के नाम हट रहे
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्यभर से शिकायतें मिल रही हैं कि हिंदीभाषी और अल्पसंख्यकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। पार्टी के अनुसार, ममता बनर्जी की चेतावनी जनभावनाओं की आवाज़ है।
राजनीतिक विश्लेषण: वोट बैंक की सियासत में गरमाई फिजा
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे विधानसभा, पंचायत और नगर निकाय चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे दलों के बीच वोट बैंक को लेकर लड़ाई तेज़ होती जा रही है। वोटर लिस्ट को लेकर सियासत फिलहाल रुकने वाली नहीं है।
राज्य चुनाव आयोग मौन, लेकिन घमासान जारी
अब तक राज्य चुनाव आयोग ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन बंगाल की जनता इस मुद्दे पर बंटी नजर आ रही है। वोटर लिस्ट को लेकर मचा बवाल आने वाले दिनों में और भी तीखा हो सकता है।