आसनसोल/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कस्बा स्थित शिक्षा विभाग कार्यालय में 26000 बर्खास्त शिक्षकों के आंदोलन पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने पूरे राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस कथित बर्बरता के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए थाने-थाने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
🪧 कांग्रेस का सीधा आरोप – “ममता बनर्जी की सरकार शिक्षकों की दुश्मन”
रविवार को आसनसोल साउथ थाना में कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने जोरदार प्रदर्शन किया और थाना प्रभारी कौशिक कुंडू को एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कांग्रेस नेता प्रसनजीत पोइतुंडी और शाह आलम ने सरकार पर सीधा हमला बोला।
“26000 शिक्षकों की नौकरी छीन ली गई, और अब जब वे अपनी आवाज उठा रहे हैं, तो उन पर लाठीचार्ज और लात-घूंसे बरसाए जा रहे हैं। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।”
🚨 प्रशासनिक दमन या साजिश?
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यह पूरी कार्रवाई शिक्षकों का मनोबल तोड़ने की साजिश है। सरकार की छवि बचाने के लिए शिक्षकों की आवाज को दबाया जा रहा है।
“अगर आज शिक्षक सुरक्षित नहीं हैं, तो कल आम नागरिकों की बारी है। ये केवल शिक्षा का नहीं, लोकतंत्र का भी हनन है।”
⚖️ क्या ममता सरकार को जवाब देना होगा?
घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है। वामपंथी दलों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता भी अब इस मुद्दे पर सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि लाठीचार्ज की जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई की जाए और बर्खास्त शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।












