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3 साल की लावण्या ने उठाया कांवड़, बराकर से शुरू भोले की पदयात्रा

संजीब कुमार यादव की रिपोर्ट | बराकर:
सावन की पवित्रता और भक्ति की ऊँचाई का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला शनिवार को बराकर फाड़ी रोड पर, जब कांवड़िया संघ का पहला जत्था सुल्तानगंज के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में एक विशेष आकर्षण रही — सिर्फ तीन साल की बालिका लावण्या, जो भोलेनाथ के लिए कांवड़ उठाए साथ चल पड़ी।

इस दृश्य ने यह स्पष्ट कर दिया कि श्रद्धा की कोई उम्र नहीं होती, और भोलेबाबा के प्रति आस्था पीढ़ी दर पीढ़ी दिलों में बसी है।

✨ सिद्धेश्वर मंदिर से शुरुआत, देवघर तक पदयात्रा

जत्था की यात्रा से पूर्व सभी कांवड़ियों ने बराकर के सिद्धेश्वर मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की, जहां भोलेनाथ को भोग लगाया गया और भजन-कीर्तन गूंज उठा।

सुल्तानगंज में जल भरकर जत्था देवघर के लिए पदयात्रा करेगा और जलाभिषेक के बाद बासुकीनाथ धाम की भी यात्रा करेगा।

🌿 बीस वर्षों से निभ रही है यह परंपरा

फाड़ी रोड कांवड़िया संघ के सदस्यों ने बताया कि यह परंपरा पिछले बीस वर्षों से अनवरत जारी है। सावन माह में वे पूरे समय सात्विक भोजन करते हैं, कोई भी तामसिक चीज़ नहीं खाते। उनका मानना है कि भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं, और इसी कारण संघ में भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।

👣 श्रद्धालुओं में शामिल रहे:

और सबसे छोटी लावण्या (3 वर्ष), जो सबका प्रेरणा स्रोत बनीं।

सोनू साव

महेंद्र साव

संजय निष्कर्म

अमित गुप्ता

सोनी, किरण, कुश बर्णवाल, विनोद पटेल,

ghanty

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