बराकर:
बराकर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी, हनुमान चैरई में बुधवार को धन धन श्री गुरु रामदास जी का 491वां प्रकाश पर्व अत्यंत श्रद्धा, उत्साह और भक्ति भावना के साथ मनाया गया।
सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया — “सतनाम वाहेगुरू” के जयकारों से पूरा गुरुद्वारा परिसर गूंज उठा और वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक हो गया।
कार्यक्रम की शुरुआत अमृतसर श्री दरबार साहिब के हजूरी रागी भाई निर्भय सिंह के मधुर गुरबाणी कीर्तन से हुई, जिसने संगत को आत्मिक आनंद से भर दिया। इसके बाद भाई रंजीत सिंह (हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा बंगला साहिब) ने गुरु रामदास जी के जीवन, उपदेशों और समाज के प्रति उनके योगदान पर प्रेरक विचार रखे।
इस पवित्र अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बराकर के प्रधान स. जोगिंदर सिंह, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान स. तेजेंद्र सिंह, सेवा खालसा दल के स. दलविंदर सिंह, स. मलकीत सिंह, तथा कोलकाता के प्रसिद्ध समाजसेवी स. मंजीत सिंह जीती सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
पूरे परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया गया था। बच्चों ने भी “वाहेगुरू सिमरन” और “गुरमत क्विज़” जैसे कार्यक्रमों में भाग लेकर श्रद्धा प्रकट की।
कार्यक्रम के अंत में गुरु का अटूट लंगर लगाया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। लंगर सेवा में युवाओं और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया — जिसने “सेवा ही सच्ची भक्ति है” के संदेश को जीवंत कर दिया।
गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की ओर से बताया गया कि यह आयोजन संगत की सेवा भावना और एकजुटता के कारण बेहद सफल रहा। समिति ने भविष्य में भी ऐसे धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।