बराकर: बराकर पिंजरापोल सोसाइटी (गौशाला) में पिछले पांच महीनों से जारी विवाद अब अपने चरम पर है। गौशाला के पूर्व सदस्य मनोज पोद्दार, उद्योगपति ओम प्रकाश केजरीवाल और व्यवसाई प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने बुधवार को बराकर हाट तल्ला में आयोजित एक प्रेस वार्ता में गौशाला कमेटी पर तानाशाही और आर्थिक गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाया।
“किचेन कैबिनेट” की तरह चल रही गौशाला: पोद्दार
मनोज पोद्दार ने कहा, “गौशाला का गठन गौ सेवा के लिए हुआ था, लेकिन वर्तमान कमेटी इसे अपनी निजी संपत्ति समझकर चला रही है। दुधारू गायों पर ध्यान केंद्रित कर चंदे के पैसे से टली गायों की सेवा करने का उद्देश्य भुला दिया गया है।”
कमेटी पर तानाशाही और मनमानी के आरोप
पोद्दार ने कहा कि कमेटी ने मनमाने ढंग से उन्हें और अन्य छह सदस्यों को बिना सूचना और उपस्थिति के निष्कासित कर दिया। उन्होंने बताया कि कमेटी के रवैये से समाज में अविश्वास और असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “यह सार्वजनिक संस्था है, एक रुपए का चंदा देने वाले को भी बराबर अधिकार है। कमेटी को इसका जवाब देना होगा।”
गौशाला संचालन में आर्थिक हेरफेर का आरोप
पोद्दार ने दावा किया कि गौशाला की वार्षिक स्मारिका के रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि चंदे और दूध वितरण में भारी अनियमितता हुई है। उन्होंने कमेटी के कुछ प्रमुख सदस्यों पर कॉकस बनाकर गबन करने का भी आरोप लगाया।
“नुक्कड़ सभा और प्रशासनिक गुहार करेंगे”: केजरीवाल
ओम प्रकाश केजरीवाल ने कहा, “अगर कमेटी ने अपनी तानाशाही बंद नहीं की, तो हम नुक्कड़ सभाएं करेंगे और प्रशासनिक अधिकारियों से भी न्याय की गुहार लगाएंगे। सत्य की लड़ाई में बराकर के प्रबुद्ध लोग हमारा साथ देंगे।”
“गौशाला सेवा का स्थान, व्यक्तिगत स्वार्थ का नहीं”
प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि गौशाला समाज सेवा का स्थान है, लेकिन कमेटी केवल आयोजनों में फोटो खिंचवाने और दुधारू गायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज के कई प्रमुख लोग इस गतिरोध को समाप्त करने में सक्षम हैं, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
भविष्य में बड़ा आंदोलन संभव
पूर्व सदस्यों ने स्पष्ट किया कि अगर गौशाला कमेटी ने सुधार नहीं किए, तो आने वाले समय में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।