बराकर से संजीब कुमार यादव की रिपोर्ट
बराकर बसस्टैंड की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। न यूनियन की कोई पकड़, न ट्रैफिक गार्ड की मौजूदगी — नतीजा ये कि रोजाना सुबह-सुबह सवारी उठाने के नाम पर जमकर हंगामा होता है। रविवार को भी नवदुर्गा बस और दुर्गापुर मालवा बस को लेकर सड़क के बीचोंबीच सवारी बैठाने की कोशिश ने ऐसा जाम लगाया कि लोग घंटों परेशान रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई एक दिन की बात नहीं है। हर सुबह 7 से 10 बजे तक यही तमाशा होता है। बसकर्मी गाली-गलौज पर उतर आते हैं और सवारी के नाम पर सड़क जाम करना उनकी आदत बन चुकी है।
🚨 आरोप गंभीर, असर व्यापक:
- बंद हुई दर्जनों बसें: बराकर से कोलकाता, बालुरघाट, रांची, भागलपुर, कल्याणी, आरामबाग जैसे रूट की कई बसें या तो बंद हो चुकी हैं या बराकर छोड़कर आसनसोल से चल रही हैं।
- परमिट घोटाला: कई बसों का रोड परमिट बराकर से है, लेकिन वे चितरंजन या आसनसोल से लौट जाती हैं।
- रोजगार पर असर: बाहरी बसों की आवाजाही रुकने से स्थानीय एजेंट और मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर गहरा असर पड़ा है।
📣 स्थानीय नेताओं और एजेंटों की प्रतिक्रिया:
👉 जितेंद्र पंडित (स्थानीय निवासी): “हर सुबह यही झमेला होता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। पूरा शहर जाम में फंसा रहता है।”
👉 कैलाश यादव (बस एजेंट): “धांधली का असर बाहरी बसों पर सबसे ज़्यादा पड़ा है, कई रूट की बसें बंद हो गईं। कोई सुनवाई नहीं होती।”
👉 बाबू बनर्जी (इंटक सचिव): “ट्रैफिक प्रभारी समस्या फाड़ी पुलिस पर डालते हैं। 30 जुलाई को हुई बैठक भी बेनतीजा रही।”
👉 बाबू दत्ता (कुल्टी ब्लॉक INTUC अध्यक्ष): “यह समस्या गंभीर है, हम सभी बसकर्मियों से संवाद कर समाधान निकालेंगे।”