👉 क्या चुनाव लड़ पाएगी शेख हसीना की पार्टी?
ढाका : बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को आम चुनाव होंगे। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिरउद्दीन ने गुरुवार शाम इसका ऐलान किया। यह चुनाव पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के डेढ़ साल बाद हो रहा है।
5 अगस्त 2024 को हुए तख्तापलट के बाद हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं। इसके बाद से वहां पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है।
अगले साल होने वाले चुनाव में हसीना की पार्टी हिस्सा नहीं ले पाएगी। बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग का पंजीकरण चुनाव आयोग ने मई 2025 में निलंबित कर दिया था।
पार्टी के बड़े नेताओं को अंतरिम सरकार गिरफ्तार कर चुकी है। अवामी लीग चुनाव लड़ने और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
बांग्लादेश चुनाव शेड्यूल
🔹नामांकन: 29 दिसंबर तक
🔹जांच: 30 दिसंबर: 4 जनवरी
🔹नामांकन वापसी: 20 जनवरी
🔹चुनाव चिह्न आवंटित: 21 जनवरी
🔹प्रचार: 10 फरवरी तक
जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह भी होगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि उसी दिन जुलाई चार्टर को लेकर जनमत संग्रह किया जाएगा। जुलाई चार्टर संवैधानिक और राजनीतिक सुधार का एक दस्तावेज है। इसमें 26 पाइंट हैं, जिसका मकसद देश की राजनीति और शासन व्यवस्था में बदलाव लाना है।
इसमें प्रधानमंत्री की सत्ता सीमित करने की बात है, ताकि कोई अनिश्चित समय तक सत्ता में न रह सके। इस चार्टर में पीएम का कार्यकाल 8 या 10 साल करने की बात कही गई है।
जुलाई 2025 में, देश के राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों के बीच एक “जुलाई चार्टर” नाम का संविधान सुधार प्रस्ताव बना था। इसमें 4 अहम चीजें तय करने की कोशिश हुई थी।
भविष्य में चुनाव कैसे होंगे
🔹सेना या न्यायपालिका की क्या भूमिका रहेगी
🔹भ्रष्टाचार और मानवाधिकार से जुड़ी नई नीतियां कैसी होंगी
🔹शेख हसीना पर लगे प्रतिबंध जारी रहेंगे या नहीं
जनमत संग्रह में जनता से जुलाई चार्टर को लागू करने के आदेश पर राय मांगी जाएगी। इसमें प्रावधान है कि राजनीतिक दलों की अलग-अलग मांगों के बीच संतुलन बनाने के लिए 100 सदस्यीय ऊपरी सदन का गठन प्रतिनिधित्व के आधार पर किया जाएगा। यानी जिस पार्टी को जितने वोट मिलेंगे, उसी अनुपात में उसे सीटें दी जाएंगी।
छात्रों की पार्टी NCP और जमात के टूटे धड़े ने मिलाया हाथ
चुनाव से पहले छात्रों की राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने जमात-ए-इस्लामी से टूटकर बनी अमर बांग्लादेश (AB) पार्टी और राष्ट्र संस्कृति आंदोलन के साथ मिलकर नया मोर्चा गणतांत्रिक संस्कार गठजोट बनाया है।
NCP इसी साल फरवरी में बनी थी। पार्टी के छात्र नेताओं ने पिछले साल हसीना विरोधी प्रदर्शनों की अगुवाई की थी। इन्हीं प्रदर्शनों के दबाव में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। NCP संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि गठबंधन दो साल की कोशिशों का नतीजा है।
NCP ने 125 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची भी जारी कर दी है। पार्टी के प्रमुख चेहरे नाहिद इस्लाम ढाका-11 से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 14 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो अब तक किसी भी पार्टी से सबसे ज्यादा हैं। NCP जल्द ही बाकी सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम घोषित करेगी।
बांग्लादेश में भारत जैसी ही चुनावी प्रक्रिया
बांग्लादेश में भी भारत के लोकसभा चुनाव जैसी ही चुनावी प्रक्रिया है। यहां संसद सदस्यों का चुनाव भारत की तरह ही फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली के जरिए होता है। यानी जिस उम्मीदवार को एक वोट भी ज्यादा मिलेगा, उसी की जीत होगी।
चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन के सांसद अपने नेता का चुनाव करते हैं और वही प्रधानमंत्री बनता है। राष्ट्रपति देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाते हैं।
यहां की संसद में कुल 350 सीटें हैं। इनमें से 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित सीटों पर चुनाव नहीं होता, जबकि 300 सीटों के लिए हर पांच साल में आम चुनाव होते हैं। भारत की संसद में लोकसभा के अलावा राज्यसभा भी होती है, लेकिन बांग्लादेश की संसद में सिर्फ एक ही सदन है।
बांग्लादेश में सरकार का मुखिया कौन होता है?
भारत की तरह ही बांग्लादेश में भी प्रधानमंत्री ही सरकार के मुखिया होते हैं। राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है, जिसका चुनाव राष्ट्रीय संसद द्वारा किया जाता है। बांग्लादेश में राष्ट्रपति सिर्फ एक औपचारिक पद है और सरकार पर उसका कोई वास्तविक नियंत्रण नहीं होता है।
1991 तक राष्ट्रपति का चुनाव यहां भी सीधे जनता करती थी, लेकिन बाद में संवैधानिक बदलाव किया गया। इसके जरिए राष्ट्रपति का चुनाव संसद द्वारा किया जाने लगा। शेख हसीना 20 साल तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं थीं।












