संभवतः बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस होगा? क्योंकि उनका नाम भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन द्वारा प्रस्तावित किया गया था और उन्होंने दावा किया कि मो. यूनुस इस पर सहमत थे। यह भी बताया गया है कि कोई अन्य नाम स्वीकार नहीं किया जाएगा, चाहे वह सेना का उम्मीदवार हो या राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार या कोई और। वे सैन्य सरकार या राष्ट्रपति सरकार के भी ख़िलाफ़ हैं। आंदोलनकारियों से मांगें पूरी होने तक सड़कों पर बने रहने को कहा गया है l अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि सेना प्रमुख, राष्ट्रपति या शक्तिहीन बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी क्या फैसला करेंगे, कोई नया संघर्ष होगा या नहीं l बहरहाल, आंदोलनकारियों का जो मूड है, उसमें उनकी मांगें मान ली जानी चाहिए। यूनुस के साथ शेख हसीना सरकार के संघर्ष ने एक और आयाम ले लिया। उनके और उनकी विभिन्न कंपनियों के खिलाफ वित्तीय विनियमन से संबंधित लगभग दो सौ मामले लंबित हैं। लेकिन भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन समिति ने उन्हें अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में चुना।