आसनसोल के सिमुलिया तालाब के पास कम्युनिटी सेंटर की भूमि को लेकर नया विवाद गहराता जा रहा है। अब इस जमीन पर फर्जीवाड़े और कब्जे के गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिससे आसनसोल नगर निगम प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।
जानकारी के अनुसार, करीब दो वर्ष पहले आसनसोल नगर निगम ने वार्ड नंबर 26 के सिमुलिया तालाब क्षेत्र में एक भव्य कम्युनिटी सेंटर बनाने की घोषणा की थी। शिलान्यास के समय नारियल फोड़ा गया, बैनर-पोस्टर लगाए गए और स्थानीय नेताओं ने जनता से वादे किए कि यहां सामाजिक कार्यक्रमों और स्थानीय आयोजनों के लिए एक आधुनिक भवन बनेगा।
लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी कम्युनिटी सेंटर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, जबकि अब उसी स्थान पर कुछ निजी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
मीम (मिल्ली एत्तेहाद मंच) के जिला नेता दानिश अज़ीज़ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“नगर निगम ने जनता को धोखा दिया है। जिस जमीन पर सरकारी परियोजना का बोर्ड लगा था, आज वहां किसी और का निर्माण हो रहा है। सवाल यह है — आखिर किसके आदेश से ये काम चल रहा है?”
दानिश अज़ीज़ ने यह भी मांग की कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और जनता के सामने सच्चाई रखी जाए।
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इस विवादित भूमि पर कुछ प्राइवेट प्रमोटरों की नज़र है, जो कथित तौर पर राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर निर्माण कार्य शुरू करा चुके हैं। इस घटना से इलाके में आक्रोश फैल गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह जमीन वास्तव में नगर निगम की है, तो प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अवैध निर्माण को रोकना चाहिए। वहीं, नगर निगम की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को भी उजागर किया है। फिलहाल, इलाके के लोग मांग कर रहे हैं कि इस भूमि विवाद की सच्चाई सामने लाई जाए ताकि जनता को न्याय मिल सके।












