आसनसोल: पश्चिम बर्दवान जिले में आशा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकजुट होकर आईं आशा कर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और अपनी मांगों को पूरा करने की चेतावनी दी।
📢 क्या हैं आशा कर्मियों की प्रमुख मांगें?
✅ बकाया वेतन का जल्द भुगतान किया जाए।
✅ मासिक वेतन ₹15,000 किया जाए।
✅ सप्ताह में एक अवकाश अनिवार्य किया जाए।
✅ स्वास्थ्य सेवाओं में अन्य सुविधाओं को लागू किया जाए।
✅ सरकार बजट में किए गए वादों को पूरा करे।

🔥 धरना प्रदर्शन में क्या हुआ?
💢 आशा कर्मियों ने जोरदार नारेबाजी कर सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया।
💢 प्रदर्शन के दौरान आशा यूनियन ने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
💢 उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं मिला, तो वे उग्र आंदोलन करेंगी।

🚨 आशा कर्मियों का क्या कहना है?
🔹 “हम दिन-रात मेहनत कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं, फिर भी हमें न्यूनतम सुविधाएं तक नहीं मिलतीं!”
🔹 “सरकार हमारे भविष्य की कोई गारंटी नहीं देती, हमें पेंशन और स्वास्थ्य बीमा मिलना चाहिए।“
🔹 “जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा!“

📌 सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही?
🔸 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मांगों पर विचार किया जा रहा है।
🔸 बजट में वृद्धि और अन्य सुविधाओं को लेकर आगे चर्चा होगी।
🔸 आशा कर्मियों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया गया, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।

🔥 ये विरोध प्रदर्शन क्यों अहम है?
🔺 आशा कर्मी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं।
🔺 उनकी मांगे देशभर में लंबे समय से लंबित हैं।
🔺 अगर सरकार जल्द समाधान नहीं देती तो बड़ी हड़ताल हो सकती है।