आसनसोल:
आसनसोल शहर की ऐतिहासिक ट्रैफिक सर्वजनीन काली पूजा कमेटी ने इस वर्ष अपनी 72वीं वर्षगांठ परंपरा और आस्था के साथ मनाई। इस बार पूजा पंडाल का मुख्य आकर्षण है “ग्राम बंगला थीम”, जो बंगाल की ग्रामीण संस्कृति और लोकजीवन को दर्शाता है।
मां काली की प्रतिमा इस बार श्मशान काली रूप में लगभग 15 फुट ऊंची स्थापित की गई है, जो भक्तों के लिए श्रद्धा और रहस्य का अद्भुत संगम है।
एक समय था जब ट्रैफिक काली पूजा आसनसोल के मेले और मनोरंजन का पर्याय हुआ करती थी। अब भले ही मेला बंद हो गया हो, लेकिन परंपरा आज भी उसी जोश और निष्ठा से निभाई जा रही है।
इस पूजा की सबसे अद्भुत परंपरा है — तारापीठ से जल लाकर मां की पूजा करना और पूजा संपन्न होने के बाद वही जल भरा घट फिर से तारापीठ ले जाकर नदी में विसर्जित करना। यह परंपरा सात दशक से अधिक पुरानी है और आज भी पूरी निष्ठा से निभाई जाती है।
पूजा के दिनों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भोग वितरण, और धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें शहरभर से लोग भाग लेते हैं।
काली पूजा कमेटी न केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित है, बल्कि सालभर सामाजिक कार्यों — जैसे रक्तदान शिविर, गरीबों में वस्त्र वितरण, और पर्यावरण संरक्षण — में भी सक्रिय रहती है।
कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बार सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष ट्रैफिक और लाइटिंग व्यवस्था की गई है।












