आसनसोल के सृष्टि नगर में इस बार की होली कुछ खास और यादगार रही। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने एक साथ प्रेम और भाईचारे के रंग में डूबकर होली का भव्य आयोजन किया। इस अनोखी होली में बृज की परंपरा, आध्यात्मिकता और लोकसंस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
🌸 बृज की होली का सजीव नजारा!

इस आयोजन की सबसे अनोखी बात यह रही कि इसमें बृज की प्रसिद्ध होली को जीवंत किया गया। कान्हा-राधा की होली की झलकियां, फूलों की वर्षा और गुलाल से सजे गोकुलधाम का दृश्य हर किसी को वृंदावन का अनुभव करवा रहा था।
🎶 राजस्थान के लोक संगीत ने बढ़ाया समां!
कार्यक्रम में राजस्थान के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों पर होली के गीत गाए गए। ढोल, मंजीरे और शहनाई की गूंज ने पूरे माहौल को सांस्कृतिक ऊर्जा और आध्यात्मिक रंग से भर दिया।

💖 धर्मों की दीवारें टूटी, रंगों में घुला भाईचारा!
सृष्टि नगर में सभी धर्मों के लोगों ने गंगा-जमुनी तहज़ीब का ऐसा उदाहरण पेश किया कि पूरा शहर इसकी सराहना कर रहा है। यहां कोई भेदभाव नहीं, सिर्फ प्रेम, एकता और उत्सव था।
👥 सम्मान और सराहना!

इस होली महोत्सव में इंडिया इंटरनेशनल स्कूल के प्रतिनिधि ए. के. शर्मा और स्थानीय निवासी अरविंद निहारिया भी शामिल हुए और उन्होंने इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उनका कहना था कि ऐसे आयोजन भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को मजबूत करते हैं।
🌿 सामाजिक समरसता का रंग बिरंगा संगम!
यह उत्सव केवल रंगों का नहीं बल्कि आपसी मेलजोल, प्रेम और संस्कृतिक समरसता का प्रतीक बन गया। सृष्टि नगर में हर धर्म और जाति के लोगों ने मिलकर जिस तरह होली खेली, वह एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।