प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने रेलवे स्टेशनों पर अव्यवस्था और भगदड़ जैसी हालात पैदा कर दी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर के बाद, आसनसोल रेलवे प्रशासन भी सतर्क हो गया और त्वरित कदम उठाए।

🚆 भीड़ का दबाव, अव्यवस्था और प्रशासन की चुनौती!
आसनसोल रेलवे स्टेशन पर भी जैसे-जैसे कुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी, वैसे-वैसे अव्यवस्था हावी होती गई। शाम होते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा, जिससे स्थिति बेकाबू होती नजर आई।

- डीआरएम सच्चिदानंद सिंह ने खुद स्टेशन का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
- भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन को कतारबद्ध व्यवस्था लागू करनी पड़ी, लेकिन हड़बड़ी के कारण स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ सकी।
🔴 सख्त सुरक्षा उपाय लागू, स्टेशन पर कड़े इंतजाम!
तीसरे दिन रेलवे प्रशासन ने अव्यवस्था को रोकने के लिए बड़े फैसले लिए।

✔️ यात्रियों के लिए विश्राम स्थल बनाए गए, ताकि वे आराम से अपनी ट्रेन का इंतजार कर सकें।
✔️ 150-200 यात्रियों को क्रमबद्ध तरीके से ट्रेन में चढ़ाने की व्यवस्था की गई।
✔️ पीने के पानी और बैठने की जगह उपलब्ध कराई गई।
✔️ आईपीएस अधिकारी पुष्पा ने स्टेशन का दौरा किया और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की।
✔️ आसनसोल एडीआरएम ने यात्रियों से संयम बनाए रखने की अपील की।

🚉 विशेष ट्रेनें और यातायात नियंत्रण से मिली राहत
👉 रेलवे ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनों की समय सारिणी में बदलाव किया ताकि यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अवसर मिले।
👉 सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई और पूरे स्टेशन परिसर में सीसीटीवी और अधिकारी लगातार निगरानी करते रहे।

💡 प्रशासन की मुस्तैदी से टला बड़ा हादसा!
इस बार आसनसोल रेलवे प्रशासन ने सख्त और सुनियोजित कदम उठाए, जिससे स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में रही। हालांकि, अगर पहले से और मजबूत रणनीति बनाई जाती, तो अव्यवस्था से पूरी तरह बचा जा सकता था।