आसनसोल, 13 जून 2025:
पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल ने महिला और दिव्यांग कोचों में अनधिकृत यात्रियों की घुसपैठ पर लगाम कसने के लिए एक सख्त अभियान शुरू किया है। यात्रियों की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने अब चेतावनी नहीं, सीधी कार्रवाई की नीति अपनाई है।
महिला और दिव्यांग कोचों को संरक्षित रखने के लिए रेलवे अधिनियम की धारा 162 के तहत निरंतर छापेमारी और दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। पिछले तीन वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि रेलवे इस मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है।
📊 आंकड़ों में कार्रवाई:
- 2022-23:
👉 4,610 मामले, 7,216 गिरफ्तार, ₹11.06 लाख जुर्माना - 2023-24:
👉 5,204 मामले, 7,084 गिरफ्तार, ₹12.72 लाख जुर्माना - 2024-25 (अब तक):
👉 4,635 मामले, 6,394 गिरफ्तार, ₹12.00 लाख जुर्माना
रेलवे का कहना है कि यह केवल शुरुआत है, आगे और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे।
🚆 आरक्षित कोच के लिए ‘नो एंट्री’ का सख्त संदेश
आसनसोल मंडल ने इस पहल के तहत औचक निरीक्षण, सघन चेकिंग, और जागरूकता अभियान चलाए हैं। स्टेशनों पर पोस्टर, पब्लिक अनाउंसमेंट, और डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से यात्रियों को समझाया जा रहा है कि महिला और दिव्यांग कोचों का दुरुपयोग अब नहीं चलेगा।
रेलवे प्रशासन ने कहा कि यात्री 139 हेल्पलाइन नंबर या अन्य माध्यमों से उल्लंघन की रिपोर्ट करें, जिससे अनधिकृत यात्रा पर और भी सख्त कार्रवाई हो सके।
🎯 उद्देश्य: सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण
रेलवे अधिकारी ने बताया कि यह कदम महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के आत्मविश्वास और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए है। साथ ही यह भी अपील की गई कि यात्रियों की भागीदारी और समझदारी से ही यह मिशन सफल हो सकता है।