आसनसोल नगर निगम के 22 नंबर वार्ड स्थित लोवार कुमारपुर इलाके में वर्षों पुराने पुकुर (तालाब) की सफाई और मरम्मत का कार्य गुरुवार को उस समय विवाद का कारण बन गया, जब कुछ स्थानीय लोगों ने निगम कर्मियों को काम करने से रोक दिया। स्थिति तब नियंत्रण में आई जब पुलिस और निगम अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्य को दोबारा शुरू करवाया।
🧱 पिछले विवाद की परछाई अब भी कायम
यह वही पुकुर है, जिसे पहले भरने की कोशिश को लेकर भारी विवाद हुआ था। नगर निगम ने पहले ही इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। यह पुकुर न केवल स्थानीय इतिहास का हिस्सा है, बल्कि इलाके के जल संतुलन और पारिस्थितिकी के लिए भी बेहद जरूरी माना जाता है।
🗣️ किसने रोका काम? क्या है असली वजह?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब नगर निगम के सफाई कर्मचारी तालाब की सफाई और संरक्षण कार्य के लिए पहुंचे, तब दो स्थानीय व्यक्तियों ने उन्हें धमकाते हुए रोक दिया और कहा कि यह जमीन विवादित है। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्य पूरी तरह वैध और निगम की योजना के तहत हो रहा है, और इसमें बार-बार बाधा डालना कानून का उल्लंघन है।
🕵️♂️ साजिश या गलतफहमी?
कुछ स्थानीय नागरिकों का कहना है कि तालाब की भूमि पर नजर गड़ाए कुछ लोग इसे निजी स्वामित्व में लेने का प्रयास कर रहे हैं। भूमि-माफियाओं की भूमिका की भी जांच की मांग उठ रही है।
👮♂️ पुलिस ने संभाली कमान
पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए चेतावनी दी कि जनहित कार्य में बाधा डालना गैरकानूनी है और यदि ऐसा फिर हुआ, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद काम फिर से शुरू कर दिया गया।
🧑🤝🧑 जनता का सवाल — कब रुकेगा विवाद?
स्थानीय निवासी बाबू लाल मंडल ने कहा:
“ये पुकुर हमारे बाप-दादाओं के समय से है, इसे खत्म करने की कोशिश लगातार हो रही है। अब जब इसे बचाने का काम हो रहा है, तब भी रोका जा रहा है!”
- तालाब की सफाई का कार्य नगर निगम की जल-संरक्षण योजना का हिस्सा है।
- क्षेत्र में भविष्य में पार्क और वर्षा जल संचयन केंद्र बनाने की योजना भी चल रही है।
- नगर निगम ने जल्द ही सार्वजनिक बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को जानकारी रहे कि यह भूमि निगम की संपत्ति है।