“लापरवाही ने छीन ली हमारी जान!”
आसनसोल: आसनसोल दक्षिण थाना क्षेत्र के भगत सिंह मोड़ स्थित मिडवेस्ट अस्पताल में नवजात बच्चे की मौत के बाद माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। ग़म और ग़ुस्से से भरे परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर नारेबाज़ी की और चिकित्सकीय लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया।
🔸 जन्म के कुछ घंटे बाद बिगड़ी हालत, दो अस्पतालों के चक्कर, फिर भी नहीं बच सकी जान
जानकारी के अनुसार, रेलपार क्षेत्र की एक महिला ने चेलीडागा के एक निजी अस्पताल में कुछ दिन पहले बच्चे को जन्म दिया था। जन्म के कुछ समय बाद ही नवजात की हालत बिगड़ गई। परिजन बच्चे को बेहतर उपचार की उम्मीद में भगत सिंह मोड़ स्थित मिडवेस्ट अस्पताल लेकर पहुँचे।
लेकिन परिवार का आरोप है कि—
“यहाँ न डॉक्टर उपलब्ध थे, न समय पर इलाज। हमारे बच्चे को समय पर ऑक्सीजन तक नहीं दिया गया…हमारा लाल लापरवाही के कारण चला गया।”
🔸 अस्पताल के बाहर भीड़, टूटे सब्र के बांध — जोरदार हंगामा
जैसे ही नवजात की मौत की खबर फैली, स्थानीय लोग भी गुस्से में अस्पताल के बाहर इकट्ठा होने लगे।
भीड़ ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि—
- समय पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे
- जरूरी उपकरण सही से काम नहीं कर रहे थे
- स्टाफ ने लापरवाही बरती
- दूसरे अस्पताल भेजने में देरी की गई
कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि यह पहला मौका नहीं है, पहले भी इसी अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लग चुके हैं।
🔸 पुलिस पहुंची, स्थिति नियंत्रित — अस्पताल प्रशासन चुप
हंगामे की सूचना मिलते ही आसनसोल दक्षिण थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह स्थिति को काबू में किया।
उधर, अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
लोगों का कहना है कि—
“अगर जांच हुई तो अस्पताल की कई खामियां सामने आएंगी।”
🔸 जांच की मांग तेज, स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल
स्थानीय लोग और परिजन स्वास्थ्य विभाग से भी सवाल पूछ रहे हैं—
- क्या निजी अस्पतालों की नियमित जांच होती है?
- क्या डॉक्टर और स्टाफ योग्य हैं?
- क्या नवजात ICU में पर्याप्त उपकरण हैं?
परिजनों ने मांग की है कि मामले की मैगिस्ट्रेट जांच हो और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।












