“5250 की सैलरी, ऊपर से फोन की शर्तें”—कर्मियों का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल

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आसनसोल में मंगलवार को पश्चिम बंगाल नगर स्वास्थ्य कर्मी कॉन्ट्रैक्चुअल यूनियन ने जिलाशासक कार्यालय पहुंचकर सरकार की नई मोबाइल योजना पर कड़ा विरोध जताते हुए एक ज्ञापन सौंपा।

सरकार ने दीपावली के समय नगर स्वास्थ्य कर्मियों को मोबाइल फोन खरीदने के लिए 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी थी, जिससे कर्मचारी बेहद खुश थे। लेकिन उसके बाद जारी किए गए कड़े नियमों और शर्तों ने कर्मचारियों में गुस्सा भर दिया है।

📌 स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप—“सहायता दी, लेकिन शर्तों की लंबी सूची थमा दी”

कर्मचारियों का कहना है कि—
✔️ सरकार ने तय कर दिया कि फोन अनिवार्य रूप से 4G ही होना चाहिए।
✔️ इसकी कीमत 10,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती।
✔️ अगर कीमत ज्यादा हुई तो सरकार इसका भुगतान नहीं करेगी।

इन शर्तों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों का साफ कहना है कि आज के समय में 10 हजार रुपये में टिकाऊ और काम का स्मार्टफोन मिलना बेहद मुश्किल है।

📢 संगठन की संयुक्त सचिव केका पाल ने तीखा आरोप लगाया

यूनियन की संयुक्त सचिव केका पाल ने कहा—

“त्योहार पर 10 हजार रुपये मिलना खुशी की बात थी, लेकिन बाद में जो शर्तें लगा दी गई हैं, वे बिल्कुल अव्यावहारिक हैं। इतना ही नहीं, हमारा वेतन भी महंगाई के हिसाब से बेहद कम है।”

उन्होंने बताया कि नगर स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिमाह सिर्फ 5250 रुपये मिलते हैं—
जो आज की महंगाई में किसी भी तरह पर्याप्त नहीं है।

📌 यूनियन ने जिलाशासक को सौंपा मांगपत्र, ये हैं प्रमुख मांगें—

1️⃣ फोन खरीद पर 10 हजार की सीमा हटाई जाए
2️⃣ किसी प्रकार की अनिवार्य शर्त न लगाई जाए
3️⃣ हर महीने फोन का रिचार्ज सरकार कराए
4️⃣ वेतन बढ़ाकर कम से कम 15,000 रुपये प्रति माह किया जाए
5️⃣ स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए
6️⃣ काम के घंटे और जिम्मेदारियों के हिसाब से जोखिम भत्ता दिया जाए

📍 जिलाशासक कार्यालय के बाहर कर्मचारियों का नारा—“शर्तें नहीं चलेंगी!”

कई स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि उन्हें कोविड काल में भी लगातार काम करना पड़ा, लेकिन आज तक उनके वेतन और सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।
कर्मियों का यह भी दावा है कि मोबाइल फोन उन पर अतिरिक्त बोझ बन गया है, क्योंकि फोन पर सरकारी ऐप, ट्रैकिंग और लगातार अनलाइन रिपोर्टिंग करनी होती है।

जिलाशासक कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद आश्वासन दिया कि सभी मुद्दों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।

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