आसनसोल, पश्चिम बर्दवान:
आसनसोल नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ सोमवार को उस समय माहौल गरमा गया, जब महिला हेल्थ वर्करों ने सुकांत मैदान स्थित कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इन स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है, बैठने की जगह तक नहीं दी जा रही, और मानवीय व्यवहार से पूरी तरह वंचित रखा गया है।
💉 सेवा के बदले उपेक्षा?
हेल्थ वर्करों ने बताया कि वे वैक्सीनेशन, टीकाकरण और इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं जैसी ज़िम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद न तो उन्हें सम्मान मिल रहा है और न ही बुनियादी सुविधाएं।
“बरसात में भीगना पड़ता है, ऑफिस में बैठने जाओ तो बाहर निकाल देते हैं!” — यह दर्द बयान करते हुए दीपा पाल नामक एक महिला हेल्थ वर्कर की आंखें भर आईं।
🧾 मांगें क्या हैं?
- योग्यता के अनुसार उचित वेतन
- बुनियादी सुविधाएं: छत, कुर्सी, पानी, साफ-सफाई
- कर्मचारियों के अधिकार: मेडिकल लीव, इंश्योरेंस, सेफ्टी किट
- महिला कर्मचारियों के लिए विश्राम कक्ष और इज्जतपूर्ण व्यवहार
हेल्थ वर्करों का कहना है कि अगर जल्द इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे पूरे शहर में आंदोलन छेड़ देंगी।
🩺 स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक गांगुली ने कहा —
“स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायतें हमारे संज्ञान में आई हैं। हम जल्दी ही इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे और समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।”
🚨 समाज के लिए संदेश
जिन हाथों में टीका लगाने की सुई होती है, क्या उन्हें अपमानित करने का हक़ किसी को है?
जब देश और समाज को ज़रूरत होती है, ये महिलाएं घर-परिवार छोड़कर सड़कों पर टीकाकरण करती हैं, ऐसे में उनके अधिकार और सम्मान की रक्षा करना शासन और प्रशासन दोनों की ज़िम्मेदारी है।